छत्तीसगढ़ विधानसभा की सबसे हाई प्रोफाइल सीट पाटन जहां बीजेपी ने एक बड़ा दांव खेल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने उनके ही भतीजे विजय बघेल को खड़ा कर दिया है। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत के लिए एक नया नारा दिया है अबकी बारी कका पर भतीजा भारी जिसको लेकर के सियासत शुरू हो गई है।
- छत्तीसगढ़ का रण
- आमने-सामने चाचा भतीजा !
- राजनीति की बिसात पर रिश्तों की बलि
- कौन किस पर भारी!
- इस बार किसकी है बारी!
- चाचा भूपेश के सामने भतीजा विजय!
- छग की सबसे हाई प्रोफाइल सीट है पाटन
- कका भारी, भतीजे को मिलेगी पारी!
- भाजपा ने जीत के लिए दिया एक नया नारा
- अबकी बारी कका पर भतीजा भारी!
- सीएम भूपेश बघेल के सामने विजय बघेल भाजपा प्रत्याशी
विजय बघेल वर्तमान में दुर्ग लोकसभा के सांसद है लेकिन भाजपा ने उन्हें पाटन विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। भूपेश बघेल इस बार भी पाटन विधानसभा से चुनाव लड़ते हैं तो विजय बघेल और भूपेश बघेल में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। सीएम भूपेश बघेल और सांसद विजय बघेल के बीच चाचा-भतीजा का रिश्ता है। इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा है कि भाजपा ने पाटन विधानसभा क्षेत्र में विजय बघेल को खड़ा करके एक दमदार प्रत्याशी पाटन को दिया है। वहां निश्चित ही जीत पार्टी के होगी।
- 2018 में पाटन के चुनावी समीकरण
- साल 2018 के चुनाव में विजय बघेल को नहीं मिला था टिकट
- बीजेपी ने विजय बघेल को टिकट नहीं दिया था
- कांग्रेस की ओर से भूपेश बघेल लड़े थे चुनाव
- बीजेपी की ओर से मोतीलाल साहू मैदान में उतरे थे
- मोती लाल साहू को दी थी भूपेश बघेल ने मात
- इस बार भी पाटन से ही चुनाव लड़ेंगे भूपेश बघेल
वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने विजय बघेल को टिकट नहीं दिया था। जबकि कांग्रेस के टिकट पर भूपेश बघेल चुनाव मैदान में उतरे थे उनके सामने बीजेपी ने मोतीलाल साहू को मैदान में उतरा था, लेकिन भाजपा के मोती लाल साहू को भूपेश बघेल ने भारी मतों से मात दी थी। इसके बाद भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने। ऐसे में उनकी जीत संभावना कई गुना इस बार बढ़ गई हैं। इस पर राज्य के संस्कृतिक मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि कका तो कका है और कका अभी जिंदा हैं। काका का विश्वास पूरी जनता के ऊपर है, वे पिछली बार से अधिक मतों से जीतेंगे।
- पुरानी है चाचा-भतीजे के बीच चुनावी जंग
- 2008 में विजय बघेल दे चुके हैं भूपेश बघेल को मात
- 2013 के चुनाव में भूपेश बघेल ने लिया था बदला
- विजय बघेल को मिली थी 2013 के चुनाव में पराजय
- 2018 के चुनाव में विजय बघेल को नहीं मिला मौका
हालांकि बीजेपी के विजय बघेल एक बार भूपेश बघेल को चुनाव के मैदान में परास्त कर चुके हैं। यह बात साल 2008 के विधानसभा चुनाव की है। उस समय विजय बघेल ने भूपेश बघेल को हराया था। इसके बाद साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल ने विजय बघेल को हरा कर इसका बदला ले लिया था। हालांकि पिछली बार 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विजय बघेल को मौका ही नहीं दिया। अब इस बार 2023 के विधानसभा में फिर कका और भतीजे की टक्कर होने वाली है। ऐसे में देखना होगा की क्या सच में अब की बारी कका पर भतीजा भारी का नारा चलेगा। फिर कका एकबार फिर से भतीजे को पटकनी देंगे।