छत्तीसगढ़ में सरकार और कर्मचारियों के बीच छत्तीस का आंकड़ा,बीजेपी को मिल गया चुनावी मुद्दा

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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को केवल 3 महीने ही शेष रह गए हैं और आए दिन विभिन्न कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं। इसी कड़ी में अपनी मांगों को लेकर अब स्वास्थ्य कर्मचारी भी हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था ठप हो गई। स्वास्थ्य सेवा किसी भी सरकार की बुनियादी सेवाओं में शामिल होता है। लेकिन सरकार और स्वास्थ्य कर्मचारियों के संगठन में समन्वय नही होने से स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी छोड़कर आंदोलन पर है। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था ठप हो गई है। इसका खामियाजा राज्य की गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है। वहीं कर्मचारियों ने सरकार को मांग पूरा नहीं करने की स्थिति में चुनाव में बड़ा डैमेज करने की भी चेतावनी दी है।

कांग्रेस का दावा-जल्द होगा हड़ताल का निराकरण

दूसरी तरफ राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों के जो भी हड़ताल चल रही है। उस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही हड़ताल का निराकरण हो जायेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने महिला हो या अनियमित कर्मचारी सभी के मानदेय में वृद्धि की है और स्वास्थ्य कर्मियों की भी जायज मांगे सुनीं जा रही है। दरअसल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के 40 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। अपनी 5 सूत्रीय मांगों के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके चलते राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से प्रभावित नजर आईं। कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए है। रायपुर के तूता धरना स्थल में हजारों की संख्या में कर्मचारी सरकार से आर पार की लड़ाई के लिए नारेबाजी करते रहे। उन्होंने सरकार को मांग पूरा नहीं करने की स्थिति में चुनाव में बड़ा डैमेज करने की भी चेतावनी दी है।

बीजेपी को मिल गया चुनावी मुद्दा

साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठनों से खूब वायदे किए थे। लेकिन अब चुनाव के 3 महीने शेष है लेकिन बहुत से वादे पूरे नहीं हुए। इसी को लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। राज्य के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी हड़ताल कर दी। जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। इस बीच राज्य के पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री समेत किसी के पास भी सुनने का समय नहीं है। यही इनका अहंकार है और यही उनका घमंड है। धरम लाल कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को स्वास्थ्य कर्मियों की बातें सुननी चाहिए ताकि वह अपने काम पर लौट सके।

प्रकाश कुमार पांडेय

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