छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की हलचल अब साफ तौर पर दिखाई देने लगी है। राज्य में अक्टूबर नवंबर में चुनाव होना हैं। इसके लिए कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस अपने कामकाज के साथ चुनावी मैदान में उतरने वाली है। सीएम भूपेश बघेल लगभग एक साल से भेंट मुलाकात के जरिए सभी विधानसभा क्षेत्र के 3-3 गांव घूम रहे हैं। जहां वे चुनाव से पहले मतदाताओं से रुबरु हो रहे हैं।
- साल के अंत में होना है विधानसभा चुनाव
- भेंट मुलाकात में तीन तीन जिलों का दौरा
- 2018 में 71 सीटों पर जीती थी कांग्रेस
- अब 2023 में वहीं प्रदर्शन दोहराने का लक्ष्य
- सीएम भेंट मुलाकात में सरकारी योजनाओं का ले रहे फीडबैक
- 80 से 85 विधानसभा क्षेत्र में पहुंच चुके हैं भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अब तक 80 से 85 विधानसभा क्षेत्र कवर कर भी लिया है। इस भेंट मुलाकात के राजनीतिक मायनों की बात करें तो पॉलिटिकल एक्सपर्ट बताते हैं कि मुख्यमंत्री 90 विधानसभा में कांग्रेस की मजबूती परख रहे हैं। इतना ही नहीं सरकारी योजनाओं के साथ साथ सीएम भूपेश कांग्रेस विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी सीएम चेक रहे हैं। पिछली आर 2018 में 71 विधायकों के साथ कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई थी। इस बार भी भूपेश बघेल लक्ष्य 71 से अधिक सीट पर जीत दर्ज करने का है। यही वजह है कि वे भेंट मुलाकात के दौरान अपनी पार्टी के विधायकों का परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी देख रहे हैं।
प्रदेश प्रभारी सैलजा ने ली विधायकों की बैठक
इस मामले में हाल ही में हुए विधायक दल की बैठक में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने विधायकों को साफ-साफ कह भी दिया है कि सबको अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाना होगा और चुनाव की तैयारी में जुटना होगा। हालांकि कांग्रेस के इन सभी विधायकों को 2023 में रिपीट करना उसके के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। क्योंकि हर विधानसभा में कांग्रेस से चुनाव लड़ने वालों की संख्या ज्यादा है। इस वजह से कांग्रेस पार्टी परफॉर्मेंस रिपोर्ट के अनुसार ही जीतने वाली प्रत्याशियों पर ही दांव लगा सकती है। साथ ही राज्य में 29 विधानसभा सीट ऐसी हैं जहां आदिवासियों का प्रभाव है। 29 में से 27 सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं, लेकिन आरक्षण विवाद के चलते इन दिनों आदिवासी कांग्रेस सरकार से नाराज हैं। भेंट मुलाकात के दौरान सीएम इस तथ्य को लेकर भी चिंतन मनन कर रहे हैं।