छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को अपने कार्यकाल का अंतिम पेश करेंगे। चुनावी साल में बजट से लोगों को उम्मीदे हैं कि सीएम भूपेश नई सौगातों के साथ आखिरी बजट पेश करेंगे। बता दें दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सीएम बजट सदन के पटल पर रखेंगे। इस बजट को राज्य सरकार ने भरोसे का बजट नाम दिया है। संभावना जताई जा रही है कि भूपेश सरकार का ये अंतिम बजट एक लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है। सीएम भूपेश बघेल ने गृह विभाग, कृषि, स्वास्थ्य रोजगार के साथ सभी विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद बजट की अंतिम रुपरेखा तैयार की है।
- छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र
- सीएम भूपेश बघेल आज पेश करेंगे सदन में बजट
- राज्य सरकार ने दिया ‘भरोसे का बजट’ नाम
- भूपेश सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट
- 1 लाख करोड़ से ज्यादा का होगा बजट
- भूपेश के बजट पर रहेगी चुनावी छाया
साल के अंत तक होना है छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव
इस साल के अंत तक छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना हैं। ऐसे में मौजूदा भूपेश बघेल सरकार अपनी योजनाओं को चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही तैयार कर रही है। छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीट है। यहां विधानसभा का कार्यकाल 3 जनवरी 2024 को खत्म होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ में 2003 से 2018 तक बीजेपी की सरकार रही। रमन सिंह 15 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी के डेढ़ दशक की बादशाहत को खत्म कर सत्ता पर कब्जा किया। तब कांग्रेस को तीन चौथाई से भी ज्यादा सीटें हासिल हुई थी। कांग्रेस को 68 सीटों पर जीत मिली थी तो बीजेपी महज 15 सीटों पर सिमट गई थी। भूपेश बघेल की अगुवाई में वहां कांग्रेस की सरकार बनी। देश में छत्तीसगढ़ ही एक राज्य ऐसा दिखता है। जहां कांग्रेस फिलहाल सबसे ज्यादा मजबूत नजर आ रही है। हालांकि भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच सियासी मतभेद कांग्रेस को परेशानी में डाल सकते हैं। हाल ही में टीएस सिंहदेव ने एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव से पहले वे अपने भविष्य के बारे में फैसला करेंगे। हालांकि यहां राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने मतदाताओं को रिझाने के लिए कई योजनाएं शुरु की हैं। लेकिन राज्य में सरकारी कर्मचारी सरकार से खफा नजर आ रहे हैं। दरअसल राज्य के अनियमित कर्मचारी लंबे समय से हड़ताल कर रहे हैं। तो वहीं पिछले 40 दिन से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी बूढ़ा तालाब पर डटे हैं। अब स्कूल रसोइया संघ ने भी अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सीएम भूपेश बघेल अपने इस अंतिम बजट में कर्मचारी वर्ग को भी खुश करने का प्रयास करेंगे।
बजट के एक दिन पहले छत्तीसगढ़ की जनता के नाम संदेश
दरअसल सीएम भूपेश बघेल ने बजट के एक दिन पहले छत्तीसगढ़ की जनता के नाम संदेश दिया था। जिसमें उन्होंने बजट को लेकर अपनी बात रखी थाी। साथ ही संदेश देते हुए विश्वास दिलाया है कि यह भरोसे का बजट होगा। सीएम ने कहा था कि ये उस भरोसे का बजट है। जिसने सरकार को छत्तीसगढ़ को नवा छत्तीसगढ़ बनने का संबल प्रदान किया है। यह वही भरोसा है जो आपने कांग्रेस के घोषणापत्र पर, कांग्रेस की कार्यशैली पर और कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी सोच पर जताया है। सीएम बघेल ने कहा था उन्होंने सरकार बनते ही राज्य में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के संकल्प और न्याय की नीति को आकार देना शुरू कर दिया था। इस दौरान पिछले कुछ सालों के दौरान सामने आई चुनौतियों से कोई अपरिचित नहीं है। कोरोना जैसी वैश्विक आपदा की चुनौती हो या दूसरी चुनौतियां। जिन्हें लोग समझते हैं। यह कहते हुए गर्व होता है कि चुनौतियों का सामना करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार बाहर निकली और राज्य की गिनती सबसे अच्छे आर्थिक प्रबंधन वाले प्रदेशों में होने लगी।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि यह आपके ही भरोसे का परिणाम है कि देशभर में मंदी के बाद भी छत्तीसगढ़ के बाजार में रौनक है। यहां सबसे कम बेरोजगारी दर है। छत्तीसगढ़ ने देशभर में धान खरीदी में भी रिकॉर्ड तोड़ा है। आदिवासियों तक नई योजनाएं पहुंचाई गईं हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा के छत्तीसगढ़ मॉडल को अब देशभर की सरकारें अपना रही हैं, यह आपके भरोसे का ही परिणाम है।