उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ छठ पूजा का व्रत… महिलाओं ने की सुख-शांति की कामना

Chhath festival concluded in Bihar Patna Purvanchal Uttar Pradesh Chhattisgarh Madhya Pradesh

भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी बड़े धूमधाम से मनाए जाने वाले महापर्व छठ का आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया। बिहार ही नहीं दिल्ली, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के साथ कई राज्यों में छठ महापर्व का उल्लास देखा गया। छठ पूजा का आयोजन पूरे उत्साह के साथ ​किया गया।नदी और तालाब के किनारे श्रद्धालुओं ने पूरे परिवार के साथ विधिपूर्वक छठ मैया की पूजा-अर्चना की। शाम को जहां डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया तो आज शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया गया।

चार दिवसीय इस महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हुई थी। फिर खरना, सूर्य पूजा, और अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया गया। महिलाओं ने पुत्रों की मंगल कामना और घर में सुख-शांति की प्रार्थना करते हुए निर्जला व्रत रखा। पहले दिन खीर ग्रहण कर उपवास की शुरुआत की और अंतिम दिन गन्ना और गुड़ खाकर व्रत को पूरा किया गया। पूजा के बाद सूर्य देव की महाआरती की गई। जिसमें भक्तों ने सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।

सूर्य षष्ठी पर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

छठ पूजा महापर्व की महत्ता को देखते हुए प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किये गये थे। नदी और तालाब के किनारे श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमडा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यहां परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ सूर्य भगवान का पूजन-अर्चना की गई। अर्घ्य के समय गन्ने का मंडप तैयार किया गया था। जिसमें फूल, प्रसाद, फल और पान रखकर सूर्य भगवान की पूजा की गई। पूजन के दौरान महिलाओं और पुरुषों ने बैंड-बाजे के साथ उत्साहपूर्वक भाग लिया।

पुरुषों ने भी निभाई व्रत की परंपरा

कई जगह छठ पर्व पर केवल महिलाएं ही नहीं, पुरुषों ने भी निर्जला व्रत रखा। श्रद्धालुओं ने बताया कि यह चार दिवसीय पर्व होता है। जिसमें ठेकुआ, खीर आदि का भोग सूर्य भगवान को अर्पित किया जाता है। अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का समापन किया गया।

(प्रकाश कुमार पांडेय)

Exit mobile version