चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी आज बना राजयोगों का महायोग फलदायी है ये ग्रहों का महासंयोग

Chaitra Navratri Mahashtami Raja Yoga Maha Yoga Maha Yoga of Planets

Chaitra Navratri Mahashtami

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। 22 मार्च से शुरू हुए चैत्र नवरात्रि का समापन 30 मार्च को नवमी तिथि के साथ होगा। चैत्र नवरात्रि के प्रत्येक दिन का विशेष महत्व होता है। लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि को अधिक शुभ माना जाता है। अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी और महा अष्टमी कहते हैं। इस दिन देवी दुर्गा के साथ आठवें स्वरूप में देवी महागौरी की पूजा करने का विधान है। इस बार महाष्टमी पर विशेष योग बन रहा है। कहते हैं दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा सहित महागौरी की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। मां की विधिपूर्वक पूजा करने से रोग और धन से मुक्ति मिलती है। दुर्गा अष्टमी के दिन मां भगवती की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

दुर्गा अष्टमी पूजन अनुष्ठान

महाष्टमी के दिन देवी महागौरी के आठ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दिन स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मां दुर्गा की पूजा करें। सबसे पहले माता का आह्वान करें। इसके लिए दोनों हाथों को पांच पुष्पों से जोड़कर मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद पुष्प माता को अर्पित करें। मां दुर्गा को जल चढ़ाएं। फिर मां को चुनरी, सोलह श्रृंगार आदि अर्पित करें। फिर फूल, माला, सिंदूर, अक्षत, चंदन, हल्दी, बेलपत्र आदि अर्पित करें। इसके बाद नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं। नारियल की मिठाई न हो तो दूसरी मिठाई का भोग लगा सकते हैं। अब घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। फिर विधिवत मंत्र के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती करें और गलती के लिए क्षमा मांगें।

राशियों पर दुर्लभ संयोग का प्रभाव

चैत्र नवरात्रि में महाअष्टमी के दिन छह प्रमुख ग्रह 4 राशियों में विराजमान रहेंगे। जिसमें गुरु स्वराशि मीन में हैं। 28 मार्च को इसी राशि में अस्त हो गया। जबकि मेष राशि में बुध का गोचर होगा। दूसरी ओर सूर्य मीन राशि में तो शनि कुंभ राशि में बैठे हैं। इसके साथ ही शुक्र और राहु मेष राशि में विराजमान हैं। ज्योतिषियों की माने तो ग्रहों का यह संयोग पूरे 700 साल बाद बना है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के शुभ योग का प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन पर पड़ता है। बता दें कि इस बार दुर्गा अष्टमी या महाष्टमी पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग बना है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र नवरात्रि के दिन शनि ने अपनी राशि कुंभ में प्रवेश किया है। वहीं बृहस्पति अपनी राशि मीन में विराजमान हैं। इतना ही नहीं इस खास मौके पर कुछ अन्य ग्रहों की स्थिति भी खास होगी। जिससे महाअष्टमी के दिन केदार, हंस, मानव और महाभाग्य जैसे राजयोगों का महा योग बन रहा है। ऐसे में यह महासंयोग कुछ लोगों के लिए बेहद सुखद साबित होने वाला है। जानिए इन राशियों के बारे में।

मिथुन राशि

चैत्र अष्टमी पर इस बार कई राज योग बन रहे हैं। मिथुन राशि वालों के लिए यह समय शुभ फलदायी रहेगा। अविवाहितों के लिए विवाह के अवसर मिल सकते हैं। करियर में उन्नति की संभावना है। मिथुन राशि वालों का वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा। व्यापारियों की कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है।

कर्क

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्क राशि के जातकों को करियर में भी यह राजयोग विशेष लाभ प्रदान करेगा। नौकरी चाहने वालों को नौकरी मिलेगी। सम्मान में वृद्धि होगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। पारिवारिक जीवन में खुशियां लौट आएंगी। अगर आप कोई नया काम शुरू करने की सोच रहे हैं तो यह अच्छा समय है।

कन्या

ग्रहों का शानदार संयोग कन्या राशि के जातकों को भरपूर लाभ पहुंचाएगा। बेरोजगार जातकों को इस अवधि में नई नौकरी मिल सकती है। व्यापार से जुड़े लोग यात्रा पर जा सकते हैं और इस दौरान की गई यात्रा के अच्छे परिणाम मिलेंगे। बड़ा लाभ अर्जित करना लाभकारी रहेगा। निवेश के लिए यह अच्छा समय है। विद्यार्थियों को बड़ी सफलता मिलेगी।

मीन

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मीन राशि वालों को यह योग कई लाभ देगा। समाज में सम्मान होगा। नौकरी पेशा जातकों को कोई बड़ा पद मिल सकता है। राजनीति में सक्रिय लोगों को भी लाभ मिलेगा।

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