बिहार में एम्स को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने सामने दिखाई दे रहे हैं। जमीन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच मामला फंस गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शोभन बायपास पर एम्स के निर्माण के लिए दी गई 151 एकड़ जमीन लेने से इनकार कर दिया है। कहा गया है कि जो जमीन उपलब्ध कराई गई है वह एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है। कुल मिलाकर उत्तर बिहार के लोगों का एम्स में इलाज कराने का सपना अधर में फंस गया है।
जमीन ऑफर की थी
दरभंगा में एम्स के निर्माण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच पेच फंस गया है। बिहार सरकार ने एकमी शोभन बाईपास पर जो जमीन ऑफर किया था उसे केंद्र सरकार ने रिजेक्ट कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राजेश भूषण ने कहा है कि यह जमीन एम्स के निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है। शोभन में दी गई जमीन काफी लोलैंड है जहां मिट्टी की भराई पर खर्च और समय दोनों बाधक बनेगा। यहां एम्स का निर्माण निर्धारित समय पर कराया जाना संभव नहीं है। मिट्टी की गुणवत्ता और जलजमाव के कारण भवन की सुरक्षा भी सुनिश्चित नहीं की जा सकती।
जमीन कॉटन ब्लैक लैंड
27 अप्रैल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अधिकारियों की टीम ने साइट का निरीक्षण किया। अपनी रिपोर्ट में टीम ने कहा कि प्रस्तावित साइट बहुत नीचे है। भवन निर्माण के लिए यहां मिट्टी की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं है। यहां की जमीन में फैलने और सिकुड़ने की संभावना है। ऐसे में भवन की सुरक्षा पर भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। इंजीनियरिंग के लिहाज से भी जमीन की क्वालिटी अच्छी नहीं है। की जमीन कॉटन ब्लैक लैंड है। यहां एम्स बनाने में पैसे और समय दोनों की बर्बादी होगी।टीम की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव प्रत्यय अमृत को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत करा दिया है।
कैबिनेट में आया था प्रस्ताव
दरभंगा में एम्स के निर्माण के लिए पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के परिसर में 81 एकड़ की जमीन आवंटित की गई थी। नवंबर 2021 में बिहार सरकार की कैबिनेट मीटिंग में 200 एकड़ जमीन को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव भी ले लिया गया था। बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 जनवरी 2024 को दरभंगा पहुंचे तो उन्होंने प्रस्तावित एम्स का निर्माण स्थल बदलने की घोषणा की और डीएमसीएच परिसर के बजाय एकमी शोभन बाईपास पर 151 एकड़ जमीन देने की बात कही गई। इस मामले में 3 अप्रैल 2023 को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर एम्स निर्माण के लिए वैकल्पिक जमीन देने की जानकारी भी दी जा चुकी थी।
जलजमाव की भी समस्या
प्रत्यय अमृत को भेजे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि दरभंगा एम्स परिसर में दी गई जमीन के बदले शोभन में जो जमीन एम्स के निर्माण के लिए आवंटित की गई है वह बहुत ही नीचा है। यहां गहराई लगभग 7 मीटर है। इसकी बभराई भी कठिन है। इससे प्रोजेक्ट का कॉस्ट बहुत बढ़ जाएगा और समय भी ज्यादा लगेगा। इस जमीन पर मिट्टी की गुणवत्ता भी भवन निर्माण के अनुकूल नहीं है। आसपास के इलाकों में जलजमाव की भी समस्या है। ऐसे में यहां एम्स का निर्माण उचित नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शोभन बाईपास की जमीन को अनफिट करार देते हुए इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग बिहार सरकार से की है।