पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे बीती 2 मई को जारी हो चुके है. बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी ने एक बार फिर बंगाल की सत्ता को अपने कब्जे में कर लिया है. लेकिन टीएमसी की जीत के बाद बंगाल में गुलाल से नहीं बल्कि बीजेपी के खून से ममता की जीत का जश्न मनाया गया. बंगाल चुनाव के नतीजों के साथ साथ बीजेपी को वोट डालने के नतीजे भी सामने आए है.
दरअसल, बंगाल में ममता की जीत का जश्न बीजेपी के खून से मनाया गया है. बंगाल चुनाव में जिन्होंने बीजेपी को वोट दिया, जिन्होंने बीजेपी का प्रचार किया, जो बीजेपी के साथ खड़े रहे. ऐसे लोगों पर आज टीएमसी की जीत के बाद से कहर ढहाया जा रहा है. उनके घरों को तोड़ जाने लगा है, दुकानों को लूटा जाने लगा है. इतना ही नहीं कई बीजेपी दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया गया. वही नंदीग्राम से ममता की हार के बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने शुवेंदु अधिकारी की गाड़ी पर हमला किया. साथ ही नंदीग्राम में बीजेपी कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ की गई. टीएमसी ने चुनाव के नतीजों बाद इतना उत्पात मचाया की सोनापुर में एक कार्यकर्ता की पीट पीट कर हत्या ही कर दी, गई यानी ममता की जीत का टीएमसी ने बीजेपी के खून से मनाया.खबरों के अनुसार चुनाव के नतीजे आने के बाद से अबतक 5 भाजपा कार्यकर्ताओं को मौत की नींद सुला दिया गया है. बंगाल में जारी हिंसा के बाद राज्यपाल जगदीन धनखड़ ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि पार्टी दफ्तरों, घरों पर हमले किए जा रहे है. दुकानों को लूटा जा रहा है. बंगाल की स्थिति चिंताजनक है. खास बात यह है कि खुद पर हमले के आरोप लगाने वाली ममता आज बंगाल की हिंसा पर चुप बैंठी है.
बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने 213 सीटों पर कब्जा जमाया, तो वही बीजेपी ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की है. इससे पहले बीजेपी के पास केवल 3 सीटें ही थी. जबकि कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों को एक भी सीट नहीं मिली. बंगाल में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब बंगाल चुनाव में लेफ्ट और कांग्रेस को एक भी सीट ना मिली हो.