वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर से मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार को अन्य विकल्पों और मुद्दों पर विचार करने के लिए समय देना चाहिए। इसके लिए कोर्ट ने आगामी सुनवाई तक केेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे लिए कार्बन डेटिंग पर रोक लगा दी।अब अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
मस्जिद पक्ष के वकील ने क्या कहा
आपको बता दें कि 12 मई 2023 को यूपी के इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी से मिले शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की इजाजत दे दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी (मस्जिद पक्ष) ने देश के शीर्षस्थ न्यायालय में चुनौती दी थी। कमेटी की याचिका पर चीफ चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई की।
बात रखने का समय नहीं दिया
कमेटी की ओर से वकील हुजेफा अहमदी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए समय नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले उच्च न्यायालय में मस्जिद कमिटी की याचिका पर दिसंबर 2022 में ही फैसला सुरक्षित रखा गया। फिर 11 मई 2023 को एएसआई ने अदालत को रिपोर्ट सौंपी, और 12 मई को उच्च न्यायालय ने कार्बन डेटिंग कराने के आदेश दे दिए। मतलब कोर्ट ने हमे अपनी बात रखने का मौका ही नहीं दिया।
हिन्दु पक्ष के वकील ने दिलाया भरोसा
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एएसआई ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि उनकी जाँच से शिवलिंग को नुकसान नहीं पहुँचेगा। इसी आधार पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की अनुमति दी थी। उन्होंने कोर्ट से वह रिपोर्ट मँगवाने का अनुरोध भी किया। इससे पहले यूपी और केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वैज्ञानिक जाँच के दौरान शिवलिंग को नुकसान पहुँचने को लेकर चिंता व्यक्त की थी। मेहता ने न्यायालय से कहा कि सरकार को यह भी पता लगाने की जरूरत है कि क्या कार्बन डेटिंग के अलावा अन्य वैज्ञानिक परीक्षण किए जा सकते हैं। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायालय एएसआई से रिपोर्ट मँगवाने के खिलाफ नहीं है लेकिन सरकार को अन्य विकल्पों और मुद्दों पर विचार करने के लिए समय देना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि इन मामलों में सर्तक रहने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
आपको बता दें कि 12 मई को इलाबाद हाई कोर्ट ने कार्बन डेटिंग परीक्षण कराने की अनुमति यह कहते हुए दी थी कि शिवलिंग को बिना किसी नुकसान के उसका परीक्षण किया जा सकता है। मामले की सुनवाई कर रही उच्चतम न्यायालय की 3 जजों की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दिया। इसके बाद मामले की सुनवाई 7 अगस्त तक के लिए टाल दी गई। 7 अगस्त तक कार्बन डेटिंग पर रोक जारी रहेगी।