उत्तरप्रदेश में विधानसभा की दस सीटों पर उपचुनाव होना है। लोकसभा के नतीजों के बाद से इंडिया गठबंधन के हौसले बुलंद हैं। ऐसे में अब विधानसभा के उपचुनाव भी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मिकर चुनाव लड़ेंगी। खबरें है कि इन दस सीटों में से समाजवादी पार्टी 7 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी तो कांग्रेस को तीन सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।देगी वहीं समाजवादी पार्टी खुद सात सीटों चुनाव लड़ेगी। ऐसे में बीजेपी भले ही कितनी तैयारी कर रही हो लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के चलते बीजेपी के लिए चुनावों में चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
- उत्तरप्रदेश में 10 विधानसभा सीट पर उपचुनाव
- सपा-कांग्रेस में सीटों का फॉर्मूला आया सामने
- 7 सीट पर सपा…कांग्रेस के खाते में तीन सीट
- राहुल और अखिलेश की जोड़ी के हौसले बुलंद
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की जोड़ी ने जिस तरह से लोकसभा चुनाव 2024 में कमाल किया, उसके बाद यूपी में इस जोड़ी के हौसले काफी बुलंद नजर आ रहे हैं। यही कारण कि विधानसभा की उस सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों की ओर से चुनावी रणनीति अभी से तैयार करनी शुरू कर दी है।
अंदरखाने से पता चला है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच उपचुनाव चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर भी सहमति लगभग बन गई है। उत्तरप्रदेश की इन 10 विधानसभा सीट में से 7 सीट पर सपा तो 3 सीट पर कांग्रेस पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की माने तो सपा और कांग्रेस दोनों लोकसभा चुनाव की तरह ही मिलकर उपचुनाव भी लड़ेंगे, इस बात की पुष्टि भी जा रही है। संसद का सत्र के समाप्त होने के बाद सपा कांग्रेस दोनों ही दल के वरिष्ठ नेता आपस में मिलेंगे और इन सीटों पर अंतिम फैसला लेंगे।
10 में से पांच सीट पर था सपा का कब्जा
उत्तरप्रदेश में विधानसभा की जिन की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें से पांच सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक चुने गये थे। जबकि 3 सीट पर बीजेपी और एक एक सीट पर आरएलडी और निषाद पार्टी ने कब्जा किया था। हालांकि अब यह सीट खाली हो ख्चुकी है इसके बाद इनपर उपचुनाव होने जा रहा है।
इन दस सीट पर होना हैं उपचुनाव
गाजियाबाद, मिल्कीपुर, कटेहरी, करहल, कुंदरकी, खैर, फूलपुर, मंझवा, मीरापुर और सीमामऊ विधानसभा सीट पर उप चुनाव होने हैं। इन सभी सीटों पर चुनाव में मुकाबला काफी अहम होने की उम्मीद नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का यूपी में निराशाजनक प्रदर्शन रहा था। इसके बाद एक तरफ जहां यह चुनाव बीजेपी के लिए यह उपचुनाव अग्निपरीक्षा हैं तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लिहाज से यह सुनहरा अवसर है।
बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी करेगी शहजादों की जोड़ी
कांग्रेस और समाज वादी पार्टी इन 10 सीटों उपचुनावों में साथ मिलकर मैदान में उतरी है तो इससे बीजेपी का टेंशन बढ़ सकता है। माना जा रहा है कि दोनों दलों के साथ चुनाव मैदान में आने से बीजेपी को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। सपा और कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन का उद्देश्य अपने अपने वोट बैंक को मजबूत करना है और बीजेपी के खिलाफ अपनी सियासी ताकत बढ़ाना है। दोनों पार्टियों की रणनीति पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनावों में काफी सफल रही थी।