अगर आप कार खरीदना चाहते हैं तो जल्द खरीद लें, क्योंकि कारों के दाम बढ़ सकते हैं। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी यानी यदि देश में बीईई के नए उत्सर्जन मानक लागू किये जाते हैं तो कारों की लागत बढ़ना तय मानाजा रहा है। जिससे आपकी कार महंगी हो जाएगी। पांच साल में कारों की औसत कीमत 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुकी हैं।
- प्रदूषण पर सख्ती..अब सस्ती नहीं, महंगी होंगी कारें
- बीएस 6 मानक लागू होने के बाद महंगी हुईं थी कारें
- 2018 से करीब 50 प्रतिशत
- 2020 से अब तक 30 प्रतिशत दाम बढ़े
- बीईई ने दिया ये प्रस्ताव
बहरहाल ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी बीईई ने कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (केफ) के तीसरे चरण में सख्त नियमों का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक वाहन कंपनियों को तीन साल में कार्बन उत्सर्जन एक तिहाई घटाना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो जुर्माना देना पड़ेगा। कंपनियों को इस प्रस्ताव पर जुलाई के शुरुआती हफ्ते तक प्रतिक्रिया देनी है। कंपनियों से मिली प्रतिक्रिया के बाद ही बीईई नए दिशानिर्देश जारी करेगा। बीएस 6 मानक लागू होने (अप्रैल 2020) के बाद से कारों के औसत दाम 30 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं।
…तो सरकार को मिलेंगे ज्यादा अधिकार
बीईई का नया प्रस्ताव सरकार को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में गैर- जीवाश्म (पेट्रोल-डीजल) ईंधन का इस्तेमाल अनिवार्य करने, वाहनों, जहाजों के लिए एफिशिएंसी स्टैंडर्ड तय करने और स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बदलाव को तेज करने के लिए घरेलू कार्बन ट्रेडिंग मार्केट तैयार करने का अधिकार देता है।
नए मानदंड के लिए कंपनियों को 2 साल अतिरिक्त समय
एजेंसी ने केफ-4 मानदंड अपनाने के लिए ज्यादा समय देने का प्रस्ताव किया है। शुरुआत में इसके लिए तीन साल अप्रैल 2027 दिए गए थे। लेकिन अब यह समय सीमा को बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है। इसका लक्ष्य साल 2032 तक वाहनों से कार्बन उत्सर्जन करीब 24 प्रतिशत तक कम करना है।
2021 बीएस 6 मानक लागू होने के बाद कारें सबसे अधिक महंगी हुईं थाी। देश में कार कंपनियों के लिए 113 ग्राम प्रति किलोमीटर कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन की औसत सीमा तय है। लेकिन इस सीमा से 4.7 ग्राम तक प्रति किलो मीटर अधिक उत्सर्जन पर प्रति कार 25,000 रुपए जुर्माना लगेगा। यदि उत्सर्जन की तय सीमा से प्रति किमी 4.7 ग्राम से ज्यादा CO2 गैस निकलेगी तो हर कार पर करीब 50 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।