तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था का समूह है BRICS, समिट में आज होगा पीएम मोदी का

तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था का समूह है BRICS, समिट में आज होगा पीएम मोदी का

तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था का समूह है
BRICS, समिट में आज होगा पीएम मोदी का

रूस के कजान में
BRICS की 16वीं समिट हो रही है। यह समूह
दुनिया की तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं के समूह है।
BRICS समिट में रूस, चीन, ब्राजील, साउथ अफ्रीका सहित 28 देशों के राष्ट्र प्रमुख इसमें शामिल होने कजान पहुंचे हैं। इस समिट की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कर रहे हैं।
जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज यहां भाषण देंगे।

2006 में UN मीटिंग के दौरान भारत,

ब्राजील, रूस, और चीन के विदेश मंत्री मिले।
2009 में
रूस में इन चारों देशों का पहला शिखर सम्मेलन किया गया जिसका नाम BRIC पड़ा।

2010 में
साउथ अफ्रीका औपचारिक रूप से शामिल किया गया।इस तरह संगठन का नाम BRICS हुआ।

2023 में 6 देशों मिस्र, इथियोपिया,
अर्जेंटीना अना इथियोपियाल होने का आमंत्रण।
हालांकि अर्जेंटीना ने सरकार बदलने के बाद BRICS में शामिल होने से मना कर दिया था।
,2024 UAE, मिस्र, इथियोपिया, ईरान ने इस संगठन की सदस्यता ली

बता दे की यूरोपियन यूनियन EU को पछाड़कर BRICS दुनिया का तीसरा ताकतवर आर्थिक संगठन बन चुका है।
एक और ग्लोबल GDP में EU के देशों की कुल हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है, तो वहीं दूसरी ओर BRICS देशों का हिस्सा 27 प्रतिशत है।

BRICS अपना अलग बैंक भी है

BRICS ऐसा संगठन है, जिसका का अपना अलग बैंक भी है। उसका नाम न्यू डेवलेपमेंट बैंक है। इस बैंक का हेडक्वार्टर चीन के शंघाई में है। यह सदस्य देशों को सरकारी या प्राइवेट प्रोजेक्ट्स के लिए
लोन भी उपलब्ध कराता है।

40 देशों ने संगठन से जुड़ने की इच्छा जताई

‘राइजिंग इकोनॉमी’ के कॉन्सेप्ट पर तैयार किए गए इस समूह में पिछले साल तक ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका 5 देश
शामिल थे। इस साल UAE, इजिप्ट और इथोपिया औपचारिक सदस्य बनने वाले हैं। पिछले साल 34 तो इस साल विश्व के 40 देशों ने इस संगठन से जुड़ने की इच्छा जताई है।

मंदी के दौर में प्रगति कर रहा था BRICS

दुनियाभर में जब मंदी थी लेकिन इस के बीच BRICS देश तेजी से आगे बढ़े। साल 2008-2009 में पश्चिमी देश जबआर्थिक संकट झेल रहे थे। उस समय BRICS देशों की अर्थव्यवस्था तेजी से वृद्धि हो रही थी। पश्चिमी देश दुनिया की 60% से 80% अर्थव्यस्था को एक और कंट्रोल कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर मंदी के दौर में BRICS देशों की इकोनॉमिक ग्रोथ कर रही थी इससे से पता चलता है कि इस संगठन में तेजी से बढ़ने और पश्चिमी देशों को टक्कर देने की पावर है।

(प्रकाश कुमार पांडेय )

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