वायनाड लैंडस्लाइड: अब तक 308 लोगों मौत, चौथे दिन भी शवों के मिलने का सिलसिला जारी
वायनाड में लैंडस्लाइड में अब तक 308 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। रेस्क्यू ऑपरेशन का आज शुक्रवार 2 अगस्त को चौथा दिन है। बताया जाता है कि लैंढस्लाइड का शिकार 308 लोगों के शव या फिर शव का कोई हिस्सा बरामद कर लिया गया है, जबकि 195 लोगों के ही शव और बाकी 105 लोगों के शरीर का कुछ हिस्सा ही मिल सका है। लैंडस्लाइड के बाद आज शुक्रवार को चौथे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
वायनाड त्रासदी पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने जताया शोक
वायनाड में लैंडस्लाइड की भयंकर त्रासदी लोग झेल रहे हैं। भूस्खलन में अब तक 308 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अब भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। लैंडस्लाइड की इस भीषण आपदा को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गहरी संवेदना जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा जिल और वे भारत के केरल में हुए इस विनाशकारी भूस्खलन से पीड़ित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। बाइडेन ने कहा हमारी प्रार्थनाएं इस दुखद हादसे के पीड़ितों के साथ हैं। हम उन परिवारों के साथ शोक व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस त्रासदी में अपने को खो दिया है।
शेयर स्खलन…सप्ताह के अंतिम दिन शेयर बाजार में दर्ज की बड़ी गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में आज शुक्रवार 2 अगस्त को सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन बड़ी गिरावट आई है। सेंसेक्स जहां 631 अंक टूटकर 81235 स्तर पर खुला तो वहीं निफ्टी 50 Nifty50 भी 227 अंक गिरकर 24 हजार 783 पर खुला है। जबकि एक दिन पहले गुरुवार को सेंसेक्स 81,867.55 पर बंद हुआ था तो वहीं निफ्टी भी 25000 अंक के ऊपर बंद हुआ था।
केदारनाथ में मध्यप्रदेश के 51 लोगों का रेस्क्यू
उत्तराखंड में मौसम खराब होने के चलते चारधाम यात्रा हजारों तीर्थ यात्री वहां फंस गये हैं। जिनमें एमपी के भी लोग फंस गए थे। इसकी जानकारी मिलते ही मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से दूरभाष पर चर्चा की। जिसके बाद वहां फंसे मध्यप्रदेश के 51 तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बताया चारधाम की यात्रा के दौरान केदारनाथ में मध्य प्रदेश के 61 यात्री फंस गये थे। जिनमेंं 51 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित रुद्रप्रयाग तक पहुंचा दिया गया है। बाकी बचे 10 तीर्थ यात्री केदारनाथ में ही सुरक्षित स्थान पर हैं।