Bihar Assembly Elections 2025 से पहले टूट जाएगी RJD?

बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार में घमासान मचा है। घमासान है कि RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav ने अपने छोटे बेटे को पार्टी औऱ परिवार दोनो से ही बेदखल कर दिया है। कारण उसकी सोशल मीडिया की पोस्ट बताई जा रही । इस पोस्ट पर तेजप्रताप से सफाई देते हुए कहा था कि ये AI से एडिटेड है। लेकिन बावजूद इसके लालू प्रसाद यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए तेजप्रताप का पार्टी और परिवार से वनवास दे दिया।

क्यों लिया इतना बड़ा फैसला
RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav इतना कड़ा फैसला आखिर अपने ही बेटे को लेकर क्यों लिया । ये सवाल पूरे राजनैतिक गलियारे में तैर रहा है। जानकार मानते हैं कि इस फैसले के पीछे परिवार के अंदर मची वर्चस्व की लड़ाई है। परिवार मे दोनों बेटों के बीच राजनैतिक वर्चस्व की लड़ाई है। बताया जा रहा है कि इस लडाई में RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav और उनकी पत्नी राबडी देवी तेजस्वी यादव के साथ है।

क्या है परिवार में वर्चस्व की लड़ाई
RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav के परिवार में राजनैतिक वर्चस्व की लड़ाई है जो कई बार लोगों के बीच खुलकर भी आ गई है। जानकार बताते है कि परिवार के बड़े बेटे तेजप्रताप राजनैतिक विरासत को पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हांलाकि RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav ये साफ कर दिया है कि परिवार की राजनैतिक विरासत का वारिस तेजस्वी ही होगा। वो खुले मंचो से इस बात का ऐलान कर चुके है कि अगर RJD की सरकार बनती है तो तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हांलाकि तेजप्रताप इस बात से सहमत थे। वो तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानते है लेकिन इससे अलग वो हर सीट और हर मौके पर तेजस्वी के लोगों को टक्कर देने के लिए अपनी टीम भी तैयार रखते हैं। इस बीच तेजस्वी अपने लोगों को काम देने में लगे रहते है। उन्होंने हरियाणा के संजय यादव को पहले पार्टी का काम दिया फिर राज्यसभा भी भेजा। सूत्र बताते हैं कि इसी अंदरूनी कलह से पार्टी पिछले कुछ सालों से जूझ रही है।

मीसा भारती की क्या है भूमिका
मीसा भारती RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav और राबड़ी देवी के सबसे बड़ी संतान है। मीसा को RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav ने पहले राज्यसभा भेजा उसके बाद वो लोकसभा की सीट भी जीतीं अब वो लोकसभा की मेंबर है। बताया जाता है कि परिवार के वर्चस्व की लड़ाई में मीसा अपने भाई तेजप्रातप के साथ है। हांलाकि RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav की तेजप्रताप के खिलाफ कारवाई को उन्होंने अनुशासन बताया लेकिन बताया जाता है कि पर्दे के पीछे वो तेजप्रताप के साथ है। पिछले दिनों उन्होंने खुद को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की थी जिसे लेकर बहुत बवाल हुआ मचा।

तेजस्वी से नाराज अब मीसा और तेजप्रताप के साथ
बताया जाता है कि तेजस्वी यादव को सर्वेसर्वा बनाए जाने के बाद से पार्टी के कई पुराने लोगों को दरकिनार कर दिया गया। इसमें से कुछ पार्टी थोड़कर चले गए और कुछ उस ग्रुप से जुड़ गए जो RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav के फैसलों से नाराज है। मतलब कि पार्टी के ही अंदर एक नाराज गुट तैयार हो गया है जो कभी भी बगावत कर सकता है।

मीसा और तेजप्रताप के साथ नाराज गुट
RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav और राबड़ी देवी से जुड़े पुराने कई सारे नेता अब नाराज गुट के मतलब की मीसा और तेजप्रताप के साथ है। ऐसे में अगर विधानसभा चुनावों से पहले वो कोई और पार्टी बना लेते है तो

प्रकाश कुमार पांडेय

 

 

 

 

 

 

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