पंजाब में जहां किसन संगठनों ने बंद का आव्हान किया है तो वहीं दूसरी ओर बिहार में बीपीएससी परीक्षा को लेकर स्टूडेंट सड़कों पर उतर गये है। बिहार लोक सेवा आयोग यानी बीपीएससी में कथित तौर पर हुए पेपर लीक को लेकर विपक्ष भी लगातार हमलावर नजर आ रहा है। इसके साथ ही राज्य में छात्र भी जबरदस्त प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं। बिहार में साल 2025 में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में छात्रों का ये आंदोलन नीतीश सरकार को भारी पड़ सकता है।
दरअसल रविवार को बिहार की राजधानी पटना स्थित गांधी मैदान में जमकर बवाल हुआ था। पुलिस और छात्र दोनों आमने-सामने आ गए थे। जिससे देर शाम यहां हालात और बिगड़ गए। इस बीच प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जब बीपीएससी के अभ्यर्थी सीएम हाउस की ओर आगे बढ़ रहे थे तब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, ऐसे में बैरिकेड तोड़ दिए गए। जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई।
- बिहार में बीपीएससी परीक्षा को लेकर सड़क पर स्टूडेंट
- बीपीएससी में कथित तौर पर पेपर लीक का विरोध
- बीजीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग
- BPSC री-एग्जाम की मांग
- सोमवार 30 दिसंबर को बिहार बंद
- विपक्ष भी सरकार पर हमलावर नजर आ रहा
- राज्य में छात्र कर रहे हैं जबरदस्त प्रदर्शन
- रविवार को छात्रों और पुलिस प्रशासन के बीच हुई थी झड़प
बिहार में छात्र प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इसी जद्दोजहद को लेकर एक दिन पहले रविवार की शाम भी पुलिस और छात्रों के बीच तीखी झड़प देखने को मिली थी। अब AISA की ओर से BPSC री-एग्जाम की मांग को लेकर आज सोमवार 30 दिसंबर को बिहार बंद और चक्काजाम का ऐलान किया है।
तेजस्वी यादव ने जताया छात्रों की पिटाई पर आक्रोश
बिहार में बीपीएससी छात्रों के प्रदर्शन और पुलिस के साथ झड़प को लेकर सियासत भी हो रही है। बिहार के पूर्व डिप्टीी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा यह बहुत दर्दनाक है। बीपीएससी अभ्यर्थियों को कैसे पुलिस ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा। इसमें कई स्टूटेंट बुरी तरह घायल हैं। आरजेडी इसकी निंदा करती है। जिस तरह के दृश्य सामने आ रहे हैं। वह दर्दनाक हैं। तेजस्वी ने कहा वे भी एक युवा हैं और वे ऐसा कर सकते हैंं। उनकी हालत को सरकार समझें। सबसे पहले स्टूडेंट सामान्यीकरण का विरोध करने उतरे थे। उनकी पार्टी ने 28 नवंबर को राज्य विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था। पार्टी ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा था, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद भी सरकार ने बीपीएससी ने सामान्यीकरण को मंजूरी दे ही दी। छात्र हित में ऐसा नहीं होना चाहिए था। बीपीएससी की ओर से 15 और 16 दिसंबर को एक केंद्र की परीक्षा रद्द किये जाने की घोषणा की गई थी। ऐसे में छात्र फिर से परीक्षा कराये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और वे भी छात्रों की मांग का समर्थन करते हैं।
पीके पर छात्र आंदोलन भड़काने का आरोप
इस मामले को लेकर अब बिहार में राजनीति भी गरमा गई है। तेजस्वी यादव की ओर से जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर पर छात्र आंदोलन को भटकाने का आरोप भी लगाया गया है। उन्होंने पीके पर हमला करते हुए कहा कि दरअसल कुछ लोग स्टूडेंट के आंदोलन को हाइजैक करना चाहते हैं। तेजस्वी ने कहा 70वीं BPSC परीक्षा के अभ्यर्थियों पर जिस तरह से पुलिस लाठीचार्ज कराया गया। अभ्यर्थियों पर ठंड के दौरान पानी की बौछारें की गईं। यह गलत था। अभ्यर्थियों की ओर से किये जा रहे आंदोलन को दबाने के लिए उन्हें पीटा जा रहा है। डीएम ने भी अभ्यर्थियों को थप्पड़ मारा और हाथापाई हुई।
आखिर क्या हैं छात्रों की मांग
बता दें कि बिहार में छात्र बीपीएससी परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कर फिर से परीक्षा आयोजित किये जाने की मांग कर रहे हैं।इसके साथ ही नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए। इसका गणितीय मॉडल को सार्वजनिक करने की मांग भी छात्रों की ओर से की जा रही है। इसके साथ ही पेपर लीक के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग छात्र कर रहे हैं। अब वहीं छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग छात्र कर रहे हैं।
बीपीएससी का तर्क
बीपीएससी की ओर से छात्रों के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि परीक्षा पारदर्शी और निष्पक्षता के साथ हुई थी।बीपीएससी की ओर से छात्रों से मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटने की अपील की गई है। वहीं राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने भी कहा है है कि यदि किसी के पास अनियमितताओं के प्रमाण हैं, तो वे सरकार के सामने प्रस्तुत करें। उनके आधार पर सरकार उचित कार्रवाई करेगी।