उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद से जहां एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल इमाम ने गांव के एक व्यक्ति की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने से इनकार कर दिया है। वहीं पीड़ित ने इसे लेकर पूर्व चेयरमैन के साथ और उसके साथियों पर इमाम के ऊपर दवाब बनाने का आरोप लगाया है।
- जनाजे पर सियासत ! जनाजे में गरमाई सियासत…!
- बुजुर्ग की मौत…नमाज से इंकार
- इमाम ने नहीं पढ़ी जनाजे की नमाज
- पीड़ित का इमाम पर आरोप
- ‘बीजेपी सपोर्टर,इसलिए नहीं पढ़ेंगे नमाज’
- पीड़ित ने प्रशासन से लगाई गुहार
राजनीतिक विरोध को लेकर इस्लामिक कट्टरपंथी, समाज में जहर के बीज बोने से भी बाज नहीं आ रहे हैं मुरादाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग की पिछले दिनों हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसके बाद जनाजे की नमाज का जब वक्त हुआ और इमाम को नमाज के लिए बुलवाया तो उसने आखिरी समय पर नमाज पढ़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि-तुम्हारे अब्बू और तुम्हारा परिवार BJP को वोट देते हैं। इसीलिए हम जनाजे की नमाज नहीं पढ़ेंगे ।यानी कि अब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो नमाज ये देख कर पढ़ी जाएगी कि वह किस पार्टी को सपोर्ट करता है।
- बुजुर्ग की मौत…नमाज से इंकार…!
- BJP समर्थक होने की मिली सजा
- इमाम ने नहीं पढ़ाई जनाजे की नमाज…!
- BJP का समर्थक था मरने वाला शख्स…!
- मुस्लिम बुजुर्ग की हुई मौत
- बुजुर्ग बेटे का इमाम पर आरोप
- जनाजे की नमाज ना पढ़ने का आरोप
- पीड़ित बोला- BJP सपोर्टर,इसलिए नहीं पढ़ी नमाज
- इमाम सहित कई पर रिपोर्ट दर्ज
यह पूरा मामला मुरादाबाद जनपद के कुंदरकी थाना क्षेत्र से सामने आया है। मृतक के बेटे दिलनवाज खान का कहना है कि उसके पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसके बाद जब जनाजे की नमाज का वक्त हुआ तो इमाम ने नमाज पढ़ने से साफ मना कर दिया। हमने पूछा क्यों मना कर रहे हैं, तो उनका कहना है कि हम लोग बीजेपी की तारीफ करते हैं। बीजेपी को वोट देते है। इसलिए उन्होंने नमाज पढ़ने से मना किया। उन्होंने बताया कि इमाम के मना करने पर गांव से मौलवी को बुलाकर जनाजे की नमाज अदा की गई है। अब यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में पहुंच चुका है। इस मामले में समिति गठित कर जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। मुरादाबाद जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने कार्रवाई की भी बात कही है।
इमाम ने कहा— जबरन सियासी रुप दिया जा रहा है
जबकि यहां इमाम तो कुछ ओर ही कहते हुए नजर आ रहे हैं। उनका तो कहना है कि ये सियासी मामला है ही नहीं। यह पूरा धार्मिक मामला है। जबरन इसे सियासी रूप दिया जा रहा है। वे किसी के जनाजे में नमाज नहीं पढ़वाता हैं। जनाजे की नमाज के लिए घर के ही बड़े लोग ही उसकी जिम्मेदारी निभाते हैं। उन पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। उन्हें सियासत से कोई मतलब नहीं है। यह आरोप उन्हें नीचा दिखाने के लिए सियासत का आरोप लगा रहें है अगर कोई हमारे नवी के खिलाफ बोलेगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे।