क्या बीजेपी वसुंधरा को ले जाना चाहती है राजस्थान से निकालकर दिल्ली? राजे करती रहीं हैं भूमिका स्पष्ट करने की मांग

JP Nadda Vasundhara

राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना हैं लकिन चुनाव से पहले बीजेपी के स्थानीय नेताओं की टसल कई बार सामने आ चुकी है। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व सीएम वधुंधरा राजे को एक दूसरे का बड़ा विरोधी माना जाता है। इस बीच पार्टी ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की घोषणा कर दी जिसमें वसुंधरा राजे सिंधिया को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का महत्वपूर्ण जिम्मा सौंपा गया है। माना जा रहा है कि बीजेपी वसुंधरा को राजस्थान से निकालकर दिल्ली लाना चाहती है। वहीं राजस्थान में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के जरिए भी बीजेपी नया नेता तैयार करने की कोशिश कर रही है।

नई पदस्थापना में बड़ा फेरबदल

बीजेपी ने पदाधिकारियों की नई पदस्थापना और फेरबदल किया है। नई सूची में जहां तेलंगाना बीजेपी प्रमुख संजय बंदी को राष्ट्रीय महामंत्री बनाया तो वहीं यूपी से सांसद राधामोहन अग्रवाल को महामंत्री के तौर पर एंट्री दी गई है। इसके अलावा भी अनिल एंटनी जैसे नेता भी संगठन में शामिल हुए हैं। लेकिन इस सूची में सबसे खास नाम है राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे। इस बार भी वे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर बनीं हुईं हैं। जिससे राजस्थान की राजनीति में बड़े परिवर्तन के संकेत मिल रहे हैं।

राजे करती रहीं हैं भूमिका स्पष्ट करने की मांग

बीजेपी ने राजे को फिर से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही संकेत मिल रहे है कि बीजेपी उन्हें राजस्थान से लाकर दिल्ली में बड़ी भूमिका दे सकती है। हालांकि अब तक पार्टी नेतृत्व या प्रदेश इकाई की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि राजे लगातार पार्टी आलाकमान से विधानसभाा चुनाव में उनकी भूमिका साफ करने के संदेश पहुंचाती रहीं हैं, लिहाजा ये फैसला लिया गया है।

क्या मोदी और राजे की केमिस्ट्री से मिलेगा ‘राज’

राजस्थान में हर पांच साल में सत्ता बदले जाने का सिलसिला कई साल से चला आ रहा है। ऐसे में कांग्रेस को सत्ता से बदखल कर बीजेपी फिर से सत्ता में वापसी की दावेदारी कर रही है। चुनाव से पहले पार्टी अपने आप को मजबूत करने में जुटी है। इसे ओर मजबूत करने पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी वसुंधरा राजे के काम की तारीफ कर चुके हैं। इसके साथ ही पार्टी के कार्यक्रमों में भी राजे की मौजूदगी खासतौर पर देखी जाती रही है। अब इसके साथ ही राजस्थान की राजनीति में समीकरण बदलने की भी संभावनाएं बढ़ती दिखाई दे रही हैं। दरअसल कहा जा रहा था कि भाजपा में वसुंधरा राजे को साइडलाइन कर दिया गया है, लेकिन अब तगता है पार्टी उन्हें दिल्ली बुलाकर कोई ​और जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में है।

सीएम के चेहरे पर संशय बरकरार

राजस्थान में कांग्रेस को पटकने देने की तैयारी में जुटी बीजेपी विधानसभा चुनाव में बतौर सीएम के चेहरे के तौर पर किसे आगे करेगी ये संशय बना हुआ है। खास बात है कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ एंटीएकंबेसी बढ़ती जा रही है। ऐसे में राज्य में बीजेपी के लिए हालिया सर्वे सुखद संकेत लेकर आया है।जिसे लेकर पार्टी मौजूदा तस्वीर में प्रदेश इकाई में जारी तकरार कोरोकने में जुटी है। पार्टी राजे को सीधे सीधे सीएम उम्मीदवार के तौर पर दिखाने में भी कतरा रही है। लिहाजा पार्टी यह माहौल बना रही है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी सामूहिक नेतृत्व के तहत चुनाव मैदान में उतरेगी। चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही सबसे बड़ा चेहरा दिखाया जा रहा है।

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