मध्यप्रदेश के रीवा जिले की मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल में पहले करीब 48 घंटे से नजरबंद

मध्यप्रदेश के रीवा जिले की मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल में पहले करीब 48 घंटे से नजरबंद

मध्यप्रदेश के रीवा जिले की मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल में पहले करीब 48 घंटे से नजरबंद रहे, इसके बाद गुरुवार रात को पुलिस से झड़प कर लापता हो गए। दरअसल विधायक अपने समर्थकों के साथ सीधे देवरा के महादेवन मंदिर के पास ​कथित अतिक्रमण को हटाने पहुंचे थे। यहां पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें फिर दोबारा हिरासत में ले लिया गया।

विधायक ने पुलिस से कहा …
मैं मुक्त हूं और महादेवन मंदिर जा रहा हूं
जहां अतिक्रमण को गिराने का करेंगे काम
पिछली बार जो काम रह गया था अधूरा उसे करेंगे पूरा
नईगढ़ी रेस्ट हाउस में विधायक को लाया गया

दरअसल बताया जा रहा है कि भाजपा विधायक को गुरुवार दोपहर में ही जमानत मिल गई थी, लेकिन पुलिस को इस पर संदेह यह था कि विधायक के बाहर निकलते ही फिर से विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है। लिहाजा पुलिस उन्हें रिहा करने से डर रही रही थी। पुलिस ने विधायक को रीवा के ही पुलिस लाइन में सामुदायिक भवन में रखा था।

पुलिस ने रोका, लेकिन नहीं रुके विधायक
एसडीएम कमलेश पुरी का कहना कि बीजेपी विधायक आने वाले 15 दिन तक महादेवन मंदिर और देवरा गांव न जाएं। उन्हें यह निर्देश दिये जाते हैं। विधायक ने इतना सुना तो वे कुर्सी से उठ खड़े हो गए। समर्थकों से कहा चलो चलते हैं देवरा। ऐसे में वहां मौजूद पुलिसजवानों और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन वे रोक नहीं पाए।

विधायक ने धक्का मारकर गेट खुलवाया
विधायक का कहना है जब पुलिस कह रही है कि वे मुक्त हैं तो उन्हें आखिर क्यों रोका जा गया है? इस दौरान पुलिस के जवान बड़ी संख्या में गेट बंद कर खड़े हो गए थे। भाजपा विधायक ने आखिरकार धक्का देकर गेट खुलवाया। पुलिस ने जब विधायक से पूछा कि वे कहां जा रहे हैं तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा वे स्वतंत्र हैं, इसलिए जहां उनकी मर्जी होगी वे जाएंगे।

मंदिर की जमीन को लेकर चल रहा विवाद
बता दें मउगंज के देवरा गांव में महादेवन मंदिर की जमीन को लेकर पहले से विवाद चला आ रहा है। पूरा मामला करीब 9 एकड़ 27 डिसमिल जमीन का है। यहां अल्पसंख्यक समुदाय और दलित परिवारों के करीब 70 से 75 मकान हैं। मुस्लिम समुदाय की ओर दावा किया जा रहा है कि यह उनके पुश्तैनी मकान हैं। इस मामले में उनकी ओर से जबलपुर उच्च न्यायालय में पिटीशन भी दायर की गई है।

 

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