लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस बार मिशन 400 पार का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी है। इसे हासिल करने के लिए बीजेपी मैदानी स्तर पर तैयारी में जुटी हुई है। साथ ही साथ जीत की राह में रोड़ा बनने वाली छोटी बड़ी परेशानियों को दूर करने की कोशिशें भी हो रही हैं। ऐसे में बीजेपी ने मुस्लिम महिलाओं के फर्जी मतदान को रोकने के लिए बुर्के वाली फौज बना रही है। पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा मुस्लिम महिलाओं को ट्रेनिंग भी दे रहा है। खासतौर से इन मुस्लिम महिलाओं को चुनावी ड्यूटी के लिए ट्रेनिंंग दी जा रही है। ट्रेंड महिलाओं को बीजेपी इस बार वोटिंग वाले दिन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के बूथ पर तैनात करेगी। यानी बुर्कानशीं महिलाएं उन महिलाओं को वेरिफाई करेंगी जो बुर्का पहनकर वोट डालने बूथ पर पहुंचेंगी। यानि बीजेपी भी बुर्कानशी महिलाओं को ही इन इलाकों में अपना पोलिंग एजेंट बनाएगी। बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़ी मुस्लिम कार्यकर्ता वोटिंग के दौरान होने वाले फर्जीवाड़े को रोकेंगी।
- फर्जी मतदान रोकने की तैयारी में जुटा बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा
- बीजेपी बनायेगी बुर्कानशी महिलाओं को अपना पोलिंग एजेंट
- मुस्लिम बहुल बूथ पर तैनात रहेंगी बीजेपी की बुर्कानशीं महिलाएं
- वोटिंग के दौरान होने वाले फर्जीवाड़े को रोकेंगी मुस्लिम महिलाएं
- बीजेपी को बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान की आशंका
दरअसल मुस्लिम बहुल इलाके में महिलाएं बुर्का पहनकर मतदान के लिए आती हैं। लेकिन बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान की शिकायत भी कई बार सामने आ चुकी है। ऐसे में बीजेपी की बुर्का ब्रिगेड इसी फर्जी मतदान को रोकने के लिए बूथ पर तैनात रहेंगी। हालांकि कहा जा सकता है कि पीएम मोदी की पार्टी बीजेपी ने इस बार यह अनूठा प्रयोग किया है। इस प्रयोग को सफल बनाने के लिए जगह-जगह पार्टी की ओर से कार्यक्रम किए जा रहे हैं। प्रैक्टिकल भी किया जा रहा है साथ ही ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
इस तरह से काम करेगी बुर्का ब्रिगेड
फर्जी मतदान को रोकने के लिए बीजेपी की ओर से बुर्का नशी पोलिंग एजेंट्स की फौज तैयार की जा रही है। इसके लिए बीजेपी मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में अल्पसंख्यक मोर्चे की महिला कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दे रही है। 10-10 महिलाओं के समूह को पोलिंग एजेंट की ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है। इस दौरान इन्हें बताया जा रहा है कि किस तरह उन्हें बूथ पर फर्जी वोटर की पहचान करनी है। किस तरह पुलिस प्रशासन की मदद से फर्जी मतदान को रोकना है। दरअसल बीजेपी को इस बार यह विश्वास है कि मोदी सरकार के कामकाज से खुश मुसलमानों का एक बड़ा तबका उनकी पार्टी के साथ आ सकता है। खासकर मुस्लिम महिलाएं। जिनके हक में मोदी सरकार ने
कई योजनाओं को चलाया। बीजेपी नेताओं का कहना है उनकी सरकार ने तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म करने के लिए कानून बनाए। हज के लिए मरहम खत्म किया यानी मुस्लिम महिलाएं अब अकेले हज यात्रा पर जा सकती हैं। हज यात्रा में वीआईपी कोटा समाप्त किया। साथ ही हज कोटा 1.75 लाख से बढ़ाकर 2 लाख किया। करीब दो करोड़ से ज्यादा अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई। ये वो काम हैं जिनसे मुस्लिम महिलाओं का एक हिस्सा मोदी सरकार से खुश है। ऐसे में बीजेपी की यह आशंका है कि इन मुस्लिम मतदाताओं पार्टी के पक्ष में मतदान से रोकने के लिए विरोधी दल फर्जी वोटिंग का सहारा ले सकते हैं।
2019 में बीजेपी को मिले 7 फीसदी मुस्लिम वोट
वैसे तो भगवा पार्टी बीजेपी से मुस्लिम दूर रहते हैं। लेकिन कुछ मुस्लिम वोटर्स ऐसे है जो बीजेपी को वोट करते रहे है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 7 फीसदी अगड़े मुसलमानों ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था। जबकि इससे पहले 2014 में 11 फीसदी ओबीसी मुसलमानों ने बीजेपी को चुना था। इस वोट बैंक के बल पर ही बीजेपी यूपी की रामपुर और आजमगढ़ जैसी मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी को परास्त कर सकी थी। इस बार भी बीजेपी को भरोसा है कि मुसलमानों का ज्यादा वोट उसे मिल सकता है। लेकिन उसे फर्जीवाड़े की भी आशंका सता रही है। बीजेपी को आशंका है कि बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान हो सकता है। लिहाजा उसने अभी से इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है।