बीजेपी की इस नेत्री को मिली पाकिस्तान से ये धमकी…फोन कर कहा ‘न सिंदूर बचेगा और न सिंदूर लगाने वाली’

BJP leader Navneet Rana receives death threat from Pakistan

बीजेपी की इस नेत्री को मिली पाकिस्तान से ये धमकी…फोन कर कहा ‘न सिंदूर बचेगा और न सिंदूर लगाने वाली’

बीजेपी की फायर ब्रांड नेता नवनीत रवि राणा एक बार फिर सुर्खियों में है। उन्हें पाकिस्तान की ओर से जान से मारने की धमकी मिली है। नवनीत राणा को धमकी भरे में फोन कॉल में यह कहा गया है कि उनके पास नवनीत राणा की पूरी जानकारी है। हिंदू शेरनी तू कुछ दिनों की और मेहमान है। तुझे जल्द ही खत्म कर देंगे। न सिंदूर बचेगा और न सिंदूर लगाने वाली बचेगी। बता दें नवनीत राणा के पास पाकिस्तान से कई अलग-अलग नंबर से फोन आए हैं।

वहीं मुंबई की खार पुलिस को धमकी मिलने के बाद नवनीत राणा ने इसकी जानकारी दी है। बता दें नवनीत राणा को इससे पहले भी पाकिस्तान की ओर से धमकी भरे संदेश मिल चुके हैं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

गैरलतब है कि बीजेपी की फायर ब्रांड नेत्री नवनीत राणा का ऑपरेशन सिंदूर के बाद बयान आया था। जिसमें राणा ने कहा था “घर में घुसकर मारा है। कब्र तुम्हारी खोदी है। देश की गद्दी पर जो बैठा हे वो मोदी तुम्हारा बाप है। इतना ही नहीं नवनीत राणा ने कहा क्या बोलते छोटे पाकिस्तान। बकरे की अम्मा आखिर कब तक खैर मनाएगी। इसके अलावा नवनीत राणा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा था। जिसमें लिखा था कि सिंदूर का बदला सिंदूर से… जय हिंद-जय भारत।

बताया जाता है कि जम्मू कश्मीर स्थित पहलगाम में पिछले 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में कुल 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारतीय सेना की ओर से बदला लेते हुए 6-7 मई की रात में पाकिस्तान के आॅपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर उनके कैंप ध्वस्त कर दिए थे। इसके बाद ये ही बौखालाए पाकिस्तान की ओर से भारत पर ड्रोन और मिसाइल के जरिए हमले की कोशिश की गई। जिसे सेना की ओर से नाकाम कर दिया। इतना ही नहीं भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया।

अमरावती की रह चुकी हैं बीजेपी सांसद

बीजेपी की फायर ब्रांड नेत्री नवनीत राणा पहली बार साल 2019 लोकसभा के चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अमरावती सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सांसद चुनी गईं थीं। इसके बाद 2024 में हुए लोकसभा के चुनाव में बीजेपी की ओर से अमरावती से उन्हें मैदान में उतारा गया था। हालांकि वे कांग्रेस के बलवंत बसवंत वानखड़े के सामने चुनाव हार गईं थीं।

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