मध्यप्रदेश में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच कांग्रेस के गढ़ों में सेंध लगाने की रणनीति पर भी काम शुरु कर दिया है। मध्यप्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने कांग्रेस के गढ़ों को भेदने की तैयारी शुरू कर दी है। जहां पिछले दिनों सीएम शिवराज आदिवासियों के बीच जाकर पंडित दीनदयाल की नीतियों को आदिवासियों को पढ़ाया। तो वहीं झाबुआ, थांदला और अलीराजपुर में आदिवासियों को संबोधित किया। अब बीजेपी की नजर कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पर है। यहां 19 मार्च को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचने वाले हैं। इससे पहले कमलनाथ के गढ़ में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पहुंचे थे।
प्रदेश और स्थानीय बीजेपी संगठन ने की तैयारी शुरू
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बाद अब गृह मंत्री अमित शाह पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि वे 19 मार्च को छिंदवाड़ा आ सकते हैं। इसे लेकर प्रदेश और स्थानीय बीजेपी संगठन ने तैयारी शुरू कर दी है। बता दें ये दूसरा मौका होगा कि जब अमित शाह छिंदवाड़ा आएंगे। इससे पहले शाह ने पिछले चुनाव में पांढुरना आम सभा में जनता को संबोधित किया था। इस बार भी अमित शाह के छिंदवाड़ा दौरे को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। दरअसल कमलनाथ के गढ़ पर बीजेपी की नजर है। विधानसभा चुनाव के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी इस गढ़ को जीतना चाहती है। जिसके चलते केन्द्रीय मंत्री अमित शाह का ये छिंदवाड़ा दौरा खासा अहम माना जा रहा है।
आदिवासियों को साधने की कोशिश
विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव तमाम कोशिशों के बावजूद छिंदवाड़ा में बीजेपी चुनाव में सफल नहीं हो सकी। ऐसे में उसने इलाके के आदिवासियों को साधने की कवायाद शुरू कर दी है। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बादल भोई की जन्मस्थली पर जाकर अमित शाह श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी आदिवासियों अपनी ओर करने में जुटी है। पिछले दो-तीन साल में इसकी झलक भी देखने को मिली है। छिंदवाड़ा से पहले अमित शाह ने सतना जिले में आदिवासियों के बीच सभा की थी। पिछले माह सतना में वे शबरी कोल जनजाति के महाकुंभ में भी शामिल हुए थे। अब छिंदवाड़ा जिले में स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बादलभोई की जन्म स्थली तीतरा गांव में शाह पहुंचने वाले हैं।दरअसल मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। छिंदवाड़ा से लगी पड़ोसी बैतूल -हरदा के अलावा महाकौशल की मंडला-डिंडोरी लोकसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आदिवासी वर्ग की सीटें हासिल करने में सफलता मिली थी।