बिहार की राजनीति में इन दिनों लालू परिवार खासा सुर्खियों में है। लालू यादव ने अपनी दूसरे नंबर की बेटी रोहिणी को किडनी के बदले चुनावी टिकट देकर मैदान में उतार दिया है। रोहिणी का मुकाबला बीजेपी के राजीव प्रताप रुड़ी से है।
- बीजेपी का गढ़ है सारण लोकसभा सीट
- मैदान में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य
- बीजेपी के टिकट राजीव प्रताप रूडी को फिर मिला मौका
- सारण से रोहिणी आचार्य या राजीव प्रताप रूडी मारेंगी बाजी?
- रोहिणी आचार्य ने सारण लोकसभा क्षेत्र में किया रोड शो
- रोड शो में आरजेडी के समर्थक और कार्यकर्ताओं की भीड़
- राजीव प्रताप 2014 में 2019 में यहां से जीते थे चुनाव
- इस बार भी वे जोरशोर से कर रहे चुनावी तैयारी
- पुराने परिसीमन में यह थी छपरा लोकसभा सीट
- 2009 से नए परिसीमन के बाद सारण लोकसभा क्षेत्र बना
बता दें कभी लालू यादव को किडनी की जरूरत थी, ऐसे में उनकी दूसरे नंबर की बेटी रोहिणी सामने आई और अपनी किडनी देकर पिता को जीवनदान दिया। उस समय तक किसी को अंदाजा नहीं था कि रोहिणी अपने पिता की राजनीतिक विरासत को भी बचाने के लिए चुनाव में उतरेंगी। सोशल मीडिया पर अपने तीखे तेवरों से विरोधियों को घेरने वाली रोहिणी अब बिहार की सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार के सांसद रहे राजीव प्रताप रूडी से है। चुनाव के मैदान में रोहिणी सिंगापुर से आकर सारण की सड़कों पर धूप और धूल के बीच मतदाताओं से अपने लिए वोट मांगती नजर आ रही हैं।
वैसे रोहिणी चुनावी राजनीति में उतरने वाली लालू परिवार की छठी सदस्य हैं। जब मीडिया उनसे सवाल करती है कि राजनीति उतरने का फैसला किसकी प्रेरणा से लिया तो वे कहती हैं उन्होंने राजनीति में उतरने के लिए बहुत पहले ही ठान चुकी थीं। जब बिहार के मुजफ्फरपुर में छोटी बच्चियों के साथ ‘महापाप’ हुआ था। उनका उसी समय राजनीति में आने का मन था। उस समय भी वे छोटी बच्चियों के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन करने वाली थीं लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के ऐसा नहीं कर सकीं। अब वे जहां भी जाती है उनकी डिमांड बढ़ गई है। बिहार में वे जहां भी जा रही हैं। हर जगह से उनकी डिमांड है। सब कोई प्रचार के लिए उन्हें बुलाना चाहते हैं।