बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है। इस तरह की अटकले राज्य के गलियारों में सुनाई देने लगीं हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि आखिर मसला क्या है। राजनैतिक हलचल इसलिए तेज हुई है कि बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने पहुंच गए। अब इस मुलाकात के मायने निकाले जा रह हैं। हालांकि दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि बिहार विधान मंडल का सत्र 10 जुलाई से शुरु होने जा रहा है। उसी सत्र के संबंध में चर्चा करने के लिए सीएम नीतीश ने राज्यपाल से मुलाकात की है। वहीं दूसरी तरफ सियासी चटखारे लेने वाले इसे दूसरी ही नजर से देख रहे हैं।
राज्यपाल का अभिभाषण होना है
मुख्यमत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के बीच हुई चर्चा को लेकर माना जा रहा है कि आगामी 10 जुलाई बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र शुरु होने जा रहा है। इस पांच दिवसीय सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण होना है। इसी सिलसिले में सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात की है। उम्मीद जताई जा रही है कि मानसून सत्र की अवधि बहुत कम है इसलिए हो सकता है कि राज्यपाल का अभिभाषण सत्र के पहले ही दिन हो। सूत्रों के मुताबिक इसी संबंध में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच चर्चा हुई है।
तमाम अटकलों के बीच कैबिनेट विस्तार की चर्चा
वैसे तो इस मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रहीं हैं उसी में से एक अटकल कैबिनेट विस्तार को लेकर भी बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि हाल में पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ कांंग्रेस नेताओं को बिहार कैबिनेट में शामिल करने की बात सीएम नीतीश कुमार से कही थी। हो सकता है कि कैबिनेट विस्तार के लिए राज्यपाल से सीएम नीतीश कुमार ने मुलाकात कर चर्चा की हो। दूसरी तरफ यह भी बताया जा रहा है कि राजभवन पहुंचने पर सीएम नीतीश ने यहां राजेंद्र मंडपम में हो रहे निर्माण कार्य का भी जायजा लिया है। राजभवन में निर्माण कार्य का जिम्मा राज्य सरकार के हिस्से होता है इस लिहाजा सीएम खुद इसका जायजा लेने पहुंचे हैं।
मांझी को लेकर लगाए जा रहे कयास
तमाम सियासी अटकलों के बीच एक चर्चा यह भी है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने हाल ही में राज्यपाल से मुलाकात की थी। इसी दौरान बताया गया कि उन्होंने महागठबंधन से अलग होने के लिए चिट्टी सौंपी और काफी देर तक चर्चा की। हालांकि ये सिर्फ अटकलें हैं लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार जिस तरह भाजपा को मात देने के लिए नित नए दांव पेंच आजमा रहे हैं उसके चलते कोई बड़ा कदम उठाने जा रहे हों।