अब शराब के लिए आधार जरूरी

Liquor

बिहार सरकार अब शराब पीने वालों का रिकारर्ड रखेगी। सूत्रों की माने तो ये रिकार्ड सरकार के मद्ध और निषेध विभाग के पास होगा। रिकार्ड रखने के पीछे की वजह शराब बंदी को प्रभावी तरीके से लागू करना है।

1-सरकार के मद्द औऱ निषेध विभाग में होगा रिकार्ड

2- सरकार शराब पीकर पक़ड़े जाने पर आधार नंबर लेकर उसमें दर्ज करेगी।

3 आधार नंबर के आधार पर शराबी पीने वालों का रिकार्ड होगा जिससे पता चलेगा कि शराब दूसरी बार पी है या पहली बार

4 दूसरी बार शराब पीने पर होगी सजा

सरकार के इस नियम के चलते अब शराब पीने वाले अपनी पहचान भी नहीं छुपा सकेंगे।

सरकार इसके लिए लगाएगी मशीन

शराब पीकर मिलन वालों के आधार का रिकार्ड तैयार होगा। इसके साथ साथ कोई व्यक्ति आधार गलत या फर्जी तो नहीं दे रहा इसको पता लगाने के लिए भी मशीने लगेंगी।

ये मशीनें आधार अथेटिकेशन के लिए होंगी। शराब पीकर पकड़े गए लोगों के आधार को भी चैक किया जाएगा।

तकरीबन 50 मशीनें लगाई जाऐंगी

सरकार का मद्द निषेध विभाग तकरबीन 42 जगहों पर आधार अथेंटिकेट करने की मशीनें लगाएगा।शराब पीकर या शऱाब के साथ पकड़े जाने पर पहले इन मशीनों से सामना कराया जाएगा। मशीनों के जरिए आधार और बायोमैट्रिक चेक होगें। उसके आधार पर पता चलेगा कि शराब पीकर या शराब के साथ मिला व्यक्ति कितनी बार शराब के साथ पकड़ा गया है। इसके जरिए पुलिस अवैध तरीके से बिकने वाली शराब पर भी रोक लगा सकेगी।

दरअसल नीतिश सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद बिहार में शराब बंदी नहीं हो पा रही है। इसलिए सरकार अब नए सिरे से नए नए तरीकों के जरिए शराब पीने औऱ अवैध तरीके से शराब बेचने पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है।

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