लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियों की नजर की नजर एक-एक सीट पर है। इन सीटों में बिहार की वे पांच सीट भी शामिल हैं। जिन पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। यहां बिहार में इस पांचवें चरण के मतदान में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रहे स्वर्गीय रामविलास पासवान की सियासी विरासत पर मोहर लगेगी। वैसे तो बिहार की पांच सीट हाजीपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सारण और मुजफ्फरपुर में वोटिंग होगी, लेकिन सबसे अधिक चर्चा में सारण और हाजीपुर लोकसभा सीट है। जहां लालू प्रसाद यादव और स्वर्गीय रामविलास पासवान की सियासी विरासत का फैसला होगा। यानी पांचवें चरण में लालू और रामविलास की सियासी विरासत पर मोहर लगेगी। रोहिणी आचार्य और चिराग पासवान की ताकत की परीक्षा इस चरण में होगी।
- पांचवे चरण में 5 सीटों पर वोटिंग
- 20 मई को पांचवे चरण की वोटिंग
- हाजीपुर से चिराग पासवान लड़ रहे चुनाव
- रामविलास पासवान के बेटे हैं चिराग
सारण से मैदान में लालू की बेटी रोहिणी आचार्य
बता दे पांचवें चरण में हाजीपुर और सारण लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंच चुका है। राज्य की सियासत के लिए इन दोनों सीटों पर सभी की नजर है। क्योंकि यहां पर लालू और रामविलास पासवान की सियासी विरासत मतदाता किसे सौंपेंगे। इसका फैसला होगा। हाजीपुर लोकसभा सीट से जहां रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान चुनाव मैदान में उतरे हैं तो सारण लोकसभा सीट से लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य अपने लिए वोट मांग रहीं हैं।
पांचवां चरण, पांच सीट,नजर सारण और हाजीपुर पर टिकी
पांचवें चरण में वैसे तो बिहार की 5 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी। लेकिन लोगों की नजर हाजीपुर और सारण लोकसभा सीट पर है। जहां मतदाता बिहार की सियासत के दो दिग्गज राष्ट्रीय जनता दल राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी लोजपा के संस्थापक रहे स्वर्गीय रामविलास पासवान की विरासत का फैसला करेंगे। पांचवें चरण में लालू प्रसाद यादव के परिवार की परंपरागत सीट सारन से उनकी विरासत को संभालने के लिए विपक्षी दल के महागठबंधन ने उनकी बेटी रोहिणी आचार्य को चुनावी जंग में उतारा है उधर एनडीए ने भी हाजीपुर लोकसभा सीट से लोग जल शक्ति पार्टी के संस्थापक रहे स्वर्गीय रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को साझा प्रत्याशी बनाया है।
रामविलास की कर्मभूमि रहा है हाजीपुर
हाजीपुर बात करें तो यह क्षेत्र रामविलास पासवान की कर्मभूमि रहा है। यहां से रामविलास पासवान रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंच चुके हैं। एक बार तो उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में भी दर्ज हो चुका है। इस सीट पर सामाजिक आधार हो या वोट बैंक की सियासत। देश के मुद्दे हो या राज्य के स्थानीय मुद्दे। मतदाताओं ने अधिकांश बार रामविलास पासवान को ही अपना सा समर्थन दिया है।
हाजीपुर की सियासत में चार दशक तक वर्चस्व का यह रखने वाले पूर्व के केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस यहां पिछली बार 2019 में चुनाव जीते थे। इसके बाद से ही पशुपति कुमार पारस रामविलास पासवान की सियासी विरासत का उत्तराधिकारी मान रहे थे लेकिन इस चुनाव में परिस्थितियों बदल गईं। अब रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान अपनी पुरानी लोकसभा सीट जमुई को छोड़कर पिता की हाजीपुर लोकसभा सीट से ताल ठोकते नजर आ रहे हैं। उनका मुकाबला आरजेडी के शिवचंद्र राम से है। माना जा रहा है कि हाजीपुर लोकसभा सीट के चुनाव का परिणाम न केवल गठबंधन में विजय सीटों की संख्या में वृद्धि करेगा बल्कि यहां यह भी तय होगा कि पासवान की सियासी विरासत कौन संभालेगा।
सारण से लालू यादव को मिली चार बार जीत
बिहार की सारण सीट से लालू प्रसाद यादव चार बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। पहली बार साल 1977 में लालू ने यहां से जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 1989 और 2004 के बाद 2009 के चुनाव में भी लालू प्रसाद यादव ने सारण सीट से जीत हासिल की थी। हालांकि लालू प्रसाद यादव को यहां से चुनावी हार का भी सामना करना पड़ा। बता दें सारण सीट का नाम पहले छपरा था। ऐसे मेें माना जा रहा है कि इस बार 2024 में लालू प्रसाद याद वकी सियासी विरासत को संभालने के लिए चुनाव के मैदान में उतरीं उनकी बेटी रोहिणी आचार्य को इस सीट से जीत दज करना होगी। सारण सीट केवल लालू यादव के लिए ही नहीं बल्कि पूरी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गयी है। हालांकि रोहिणी के लिये चुनावी राह बहुत ज्यादा आसान नहीं है। क्योंकि इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के निवर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी से है। रुडी भी सारण सीट से चुनाव मेंं जीत का चौका लगा चुके हैं।
सारण में चुनाव परिणाम लालू प्रसाद यादव की प्रतिष्ठा की परीक्षा के रूप में देखे जा रहे हैं तो वही हाजीपुर में भी चिराग पासवान की ताकत का इम्तिहान यह चुनाव माना जा रहा है। बहरहाल सारण और हाजीपुर इन दोनों लोकसभा सीटों पर 20 मई को पांचवें चरण में मतदान होगा। जबकि चुनाव में डाले गए वोटो की गिनती 4 जून को होगी। 4 जून को परिणाम सामने आएंगे और साबित हो जाएगा की लालू और पासवान की सियासी विरासत मतदाताओं ने किसे सौंपी है।