महाराष्ट्र के बाद बिहार में जेडीयू-राजद गठबंधन में घमासान,कभी भी आ सकता है कोई बड़ा फैसला! ये रहे सियासी विवाद के कारण

सुशील मोदी और चिराग पासवान के बयानों से गरमाई सियासत

महाराष्ट्र के बाद क्या बिहार में भी राजनैतिक उलट फेर हो सकता है? यह सवाल अब दिल्ली के राजनैतिक गलियारों में खूब सुना जा रहा है। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में एनसीपी में टूट के बाद जेडीयू और राजद के ऐसे नेता भाजपा के साथ आ सकते हैं जो किसी न किसी कारण से अपनी पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं या नाराज हैं।

गठबंधन में सेंध लगाना भाजपा की मजबूरी

राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार में जेडीयू और राजद के बीच गठबंधन में अगर भाजपा ने सेंध नहीं लगाई तो आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी की उम्मीदों पर असर पड़ सकता है। विपक्षी दलों की महागठबंधन पर चर्चा के लिए पहली बैठक पटना में हुई थी, इसी से बिहार की भूमिका को समझा जा सकता है। राजनैतिक तौर पर देंखे तो महाराष्ट्र के बाद बिहार में ही तगड़ा गठबंधन है। भाजपा के रणनीतिकार भी बिहार को लेकर तमाम संभावनाओं को टटोल रहे हैं।

जेडीयू का आरजेडी में विलय होगा

राज्यसभा सांसद तथा बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि जेडीयू का आरजेडी में विलय होगा,यह तय है। नीतीश कुमार तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर चुके हैं। जेडीयू के विधायक, विधान पार्षद और सांसद डरे हुए हैं। अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। जेडीयू के विधायकों, सांसदों को पता है कि जेडीयू के सिंबल पर वह जीत नहीं सकते हैं। जेडीयू का आने वाले समय में अस्तित्व नहीं रहेगा। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार अपने विधायकों, सांसदों से इसलिए मिल रहे हैं कि कहीं पार्टी में विद्रोह न हो जाए। यदि ऐसा हुआ तो जेडीयू में भगदड़ मचेगी। ऐसे कयास इसलिए भी लग रहे हैं कि बीते 17 सालों में सीएम नीतीश कुमार विधायकों से वन टू वन कभी नहीं मिले। उनका विधायक इंतजार करते रहे लेकिन नीतीश से मुलाकात नहीं हो पाती थी। इसलिए जेडीयू की टीम में टूट हो सकती है।

चिराग का दावा कई विधायक उनके संपर्क में

चिराग पासवान ने भी कहा है कि जेडीयू के कुछ विधायक और सांसद उनके संपर्क में हैं। उन्होंने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि जो जैसा करता है वैसा ही भरता है। टूट के डर से ही अब नीतीश कुमार अपने विधायकों और सांसदों से वन टू वन बैठकें कर रहे हैं।सूत्रों के अनुसार भाजपा जेडीयू के ऐसे नेताओं पर नजर बनाये हुए है जो जमीनी असर रखते हैं पर नीतीश से नाराज हैं। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा हर हाल में अपनी ताकत को बढ़ाना चाहती है। पार्टी के नेता चिराग पासवान के सम्पर्क में भी हैं। कोशिश है कि तमाम छोटे दलों को जेडीयू-राजद के खिलाफ इकट्ठा कर चुनाव में उतरा जाए।

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