बिहार चुनाव: महागठबंधन की तेज की तैयारी…आज होगी खरगे और तेजस्वी की अहम बैठक…सीट शेयरिंग पर होगा मंथन
बिहार में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होना है। इसके मद्देजनर राजनीतिक पार्टियों की सक्रियता बढ़ गई हैं। RJD नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच आज 15 अप्रैल को एक अहम बैठक होनी है। इस बैठक का उद्देश्य विधानसभा चुनाव की रणनीति और चुनाव से पहले सीट-बंटवारे पर मंथन करना है। यह बैठक दिल्ली में खरगे के निवास पर आयोजित होगी।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों की तैयारियां तेज हो गई है। सियासी सूत्र बताते हैं आज मंगलवार 15 अप्रैल को राष्ट्रीय जनता दल आरजेडी और कांग्रेस नेताओं के बीच गठबंधन की रणनीति को लेकर बैठक होने वाली है। इस दौरान चुनाव से पहले सीट बंटवारे पर चर्चा होगी। बैठक में आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात करने वाले हैं।
- आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन वाला इतिहास
- साल 2015 में की थी ऐतिहासिक साझेदारी
बिहार में कांग्रेस और आरजेडी दोनों के बीच गठबंधन की बात कोई नया नहीं है। यह दोनों ही पार्टियों के बीच दशकों से समय-समय पर चुनवी गठबंधन करती रहीं हैं। हालांकि गठबंधन टूटते भी रहे है। साल 2015 में बिहार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस , जेडीयू और आरजेडी के बीच महागठबंधन हुआ था। जिसमें गठबंधन को जीत भी मिली और विपक्षी पार्टी बीजेपी को करारी शिकस्त मिली थी।
बता दें आरजेडी के वोट का मुख्य जनाधार यादव और मुस्लिम समुदाय में है। जबकि कांग्रेस का जनाधार तुलानत्मक रूप से थोड़ा कमजोर हो गया है। हालांकि कांग्रेस ने अल्पसंख्यको, दलित और कुछ ऊंची जातियों के मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ बनाए हुए है। दोनों ही दल का सामाजिक गठजोड़ चुनावी समीकरणों को खासा प्रभावित करता है।
पुराने प्रदर्शन के आधार पर सीट शेयरिंग
पार्टी सूत्र बताते हैं बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तेजस्वी के साथ बैठक में कांग्रेस की ओर से सम्मानजनक सीटों की भी मांग की जा सकती है। हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़कर महज 19 सीट ही जीत पाई थी। ऐसे में इल्ज़ाम लगा है कि उसके स्ट्राइक रेट के चलते उस समय सरकार नहीं बनी। हालांकि कांग्रेस की ओर से कहा गया कि उसका आंकड़ा 70 पहुंचाया गया था, लेकिन अधिकांश खराब और ऐसी सीटें दी गईं थी जो लगातार बीजेपी-जेडीयू जीतते आ रहे हैं। कुल मिलाकर इसलिए दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर दबाव बनाने में जुटे हैं। हालांकि पिछले 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से अब महागठबंधन के हौसले बुलंद हैं। वहीं इसे लेकर महागठबंधन के दलों में सीट बंटवारे पर भी घमासान होने की संभावना है। बता दें 2024 के लोकसभा चुनाव में 40 सीटों में से आरजेडी को 4, कांग्रेस को 3 और लेफ्ट को दो सीट मिली थी।
लोकसभा—विधानसभा दोनों चुनावों में गठबंधन
लोकसभा चुनाव 2019 में आरजेडी और कांग्रेस ने महागठबंधन के तहत मिलकर आमचुनाव लड़ा था लेकिन गठबंधन को उतनी सफलता नहीं मिली। इसके बाद साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी इन दोनों राजनीतिक दलों ने साथ में मिलकर चुनाव लड़ा। हालांकि इन चुनावों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को बहुमत मिला। जिससे उस समय महागठबंधन को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा थाा। बता दें महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भी कई बार असंतोष की स्थिति दिखाई दी। खासकर चुनावों में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के चलते आरजेडी नेताओं में खासी नाराजगी देखी गई।
मौजूदा दौर की बात करें तो कांग्रेस और आरजेडी दोनों ही अब इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। यह मिलकर बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर सभी विपक्षी पार्टियों को भी एकजुट कर रहीं है। बिहार में पूर्व डिप्टी सीएम और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव विपक्ष का मुख्य चेहरा हैं। हालांकि कांग्रेस महज एक सहयोगी दल की भूमिका में है। अब एक बार फिर चुनाव आ गए हैं।ऐसे में 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस आरजेडी दोनों दलों के बीच दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे के निवास पर मुलाकात होगी।….प्रकाश कुमार पांडेय