बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया उन्होंने कहा कि अकेले रामचरित मानस ही नहीं बल्कि मनु स्मृति भी नफरत फैलाते हैं। चंद्रशेखर RJD के विधायक हैं।
डॉक्टर चंद्रशेखर ने क्या दिया तर्क
शिक्षा मंत्री डाक्टर चंद्रशेखर ने कहा कि हर युग में एक ग्रंथ ने नफरत फैलाई है। पहले मनुस्मति ने फिर रामचरित मानस ने और फिर कलयुग में गुरू गोविलकर का बंच आफ थाट। चंद्रशेखर का तर्क है कि रामचरित मानस महिलाओं दलितों और पिछड़ों को शिक्षा से रोकते हैं। उन्होंने अपने पक्ष में रामचरित मानस के कई सारी चौपाई सुनाई और ये बताया कि रामचरित मानस में जाति की बात की गई है। महिलाओं दलितों को शिक्षा से रोका गया है।
शिक्षांमत्री ने संघ पर जमकर साधा निशाना
पटना के ज्ञान भवन में नालंदा यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने गए थेशिक्षामंत्री ने संघ पर भी जमकर निशाना साधा उन्होंने कहा कि संघ और नागपुर में बैठे लोग समाज में नफरत फैलाते हैं। देश सशक्त समृद्द और मोहब्बत से विश्व गुरू बनेगा नफरत से नहीं। उन्होंने कहा कि देश में छह हजार जातियां हैं और जितनी जातियां समाज में मौजूद रहेंगी भारत विश्व गुरू नहीं बन सकेगा।
जातिगत जनगणना सवाल पर घिरे
शिक्षामंत्री कार्यक्रम में छात्रों को जात के बंदऩ तोड़ने की सीख दे रहे थे। उऩ्होंने कहा कि आप अपने आप में संपूर्ण है जाति की बात न करें। जातिगत बंधनों से खुद को और समाज को दूर रखो। चंद्रशेखर के जाति के बयान पर जब मीडिया ने जातिगत गणना का सवाल किया तो चंद्रशेखऱ घिरते नजर आए। उन्होंने तर्क दिया कि समाज में वंचित तबके के बहुसंख्यक लोग दबे है ऐसे में सरकार उनको सम्मान देगी। हांलाकि जब उनसे सवाल किया गया कि जातिगत जनगणना में तो हर किसी को जाति बताना होगा। उस पर मंत्री चंद्रशेखर ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
सोशल मीडिया पर जमकर हुए ट्रोल
वही शिक्षा मंत्री के बयान पर बीजेपी हमलावर है। बीजेपी ने कहा कि शिक्षामंत्री धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे है। बयान देने के साथ मंत्री जी ट्रोल हो रहे हैं और लोगों का कहना है कि मंत्री चंद्रशेखर पने बयान पर माफी मांगे।