बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कौन होगा अगला CM…NDA और महागठबंधन में चले जा रहे सियासी दांवपेंच…क्या बीजेपी लाएगी बिहार में महाराष्ट्र मॉडल?

Bihar Assembly Elections 2025 Who will be the next CM Political maneuvering between NDA and Grand Alliance

बिहार में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होना है। इससे पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर महागठबंधन ही नहीं एनडीए में भी राजनीतिक उठापटक तेज है। महागठबंधन में सीएम पद को लेकर मतभेद की खबरें अब तेज हो गई हैं। आरजेडी नेता लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को सीएम फेस बनाना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस इस पर सहमत नहीं दिख रही। उधर एनडीए में बीजेपी के भीतर से भी अलग-अलग सुर उठ रहे है। ‘महाराष्ट्र मॉडल’ की चर्चा भी हो रही है। जिसने नीतीश कुमार के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीजेपी की ओर से मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का नाम आगे आने और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की संभावित एंट्री ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम पद को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों में कई तरह की आवाजें उठ रही हैं। एनडीए में महाराष्ट्र मॉडल की चर्चा है। निशांत कुमार की चुनाव में संभावित एंट्री ने भी हलचल तेज कर दी है। ऐसे में अब सवाल यह है नीतीश कुमार का भविष्य क्या होगा। चुनाव के बाद विधानसभा की सीटों का आंकड़ा तय करेगा बिहार का अगला सीएम या बिहार में महाराष्ट्र मॉडल चलेगा। चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है। राज्य की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर हलचल बढ़ती जा रही है।

पिछले दिनों हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त चेहरा बताते हुए बड़ा सियासी संकेत दे दिया। हालांकि नायब के बयान के बाद बीजेपी नेतृत्व की ओर से तुरंत सफाई दी गई कि नीतीश कुमार ही 2025 में एनडीए के सीएम उम्मीदवार हैं। लेकिन सीएम पद को लेकर बयानबाजी का सिलसिला यहीं नहीं रुका। बीजेपी में एक ऐसा धड़ा सक्रिय है जो ‘डैमेज कंट्रोल’ में जुटा है।

बीजेपी की रणनीति पर खड़े हो रहे सवाल

जिन नेताओं का बिहार से सीधा संबंध नहीं है ऐसे नेता अलग-अलग लाइन पर बयान दे रहे हैं। जिससे बीजेपी की रणनीति पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हालाकि बीजेपी पूरी तरह डैमेज कंट्रोल में लगी है। मौजूदा सियासी हालात की तुलना अब 2022 के महाराष्ट्र में हुए घटनाक्रम से की जाने लगी है। महाराष्ट्र में बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को सीएम और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाकर सबको चौंकाया था। बिहार में भी सम्राट चौधरी जैसे नेताओं का नाम आगे लाकर क्या पार्टी महाराष्ट्र की दिशा में बढ़ रही है। पार्टी सूत्र बताते हैं बीजेपी का एक वर्ग जेडीयू पर निर्भरता कम करने की रणनीति पर लगातार काम कर रहा है। इसके लिए महाराष्ट्र मॉडल को सबसे उचित माना जा रहा है।

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की चुनावी राजनीति में संभावित एंट्री ने एक नया मोड़ जोड़ दिया है। हाल ही में निशांत ने संकेत दिए थे कि वे जनता की सेवा के लिए राजनीति में आ सकते हैं। उनकी इच्छा अपने पिता के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने की है।

संभवत: निशांत कुमार भी राजनीतिक हकीकत जानते हैं। इसलिए वे अधिक सक्रिय हो गए हैं। अपनी पार्टी जेडीयू के लिए अधिक सीट की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक जानकारों की माने तो जेडीयू अपने भविष्य की रणनीति में अब परिवार कार्ड खेलने की तैयारी में है। विधानसभा चुनाव के बाद अगर हालात जेडीयू के पक्ष में बने तो निशांत कुमार के लिए रास्ता खोला जा सकता है। एनडीए के छोटे सहयोगी तो अभी से निशांत का स्वागत कर रहे हैं।

क्या बीजेपी स्वयं को केंद्र में रखकर नेतृत्व तय करने का प्रयास करेगी?

इस सबके बीच बीजेपी की ओर से दी सफाई के साथ जेडीयू के मौजूदा रुख के बाद भी सियासी पारा अभी थमा नहीं है। क्या विधानसभा के चुनाव बाद राज्य के सियासी समीकरण बदलेंगे? सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या बीजेपी स्वयं को केंद्र में रखकर नेतृत्व तय करने का प्रयास करेगी? दरअसल बीजेपी और नीतीश कुमार के रिश्तों में पिछले वर्षों के दौरान हुई उठा-पटक को देखते हुए यह कहना कठिन नहीं है कि सब कुछ पहले से तय नहीं है। ऐसे हालात में सम्राट चौधरी की भूमिका के साथ बिहार में महाराष्ट्र मॉडल की गूंज और सीएम के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में संभावित एंट्री मिलकर चुनावी माहौल को और अधिक पेचीदा बना रहे हैं।प्रकाश कुमार पांडेय

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