बीजेपी नीतीश और चिराग … एनडीए के ये त्रिदेव…आखिर बार बार क्यों दिला रहे एक दूसरे को भरोसा!!
बिहार में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होना है। विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से BJP को NDA में बने रहने का भरोसा दिलाया जा रहा है। BJP और एलजेपी के चिराग पासवान दोनों भी नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। हालांकि नीतीश कुमार की पहले से ही छवि पलटूराम नेता वाली रही है। इतना ही नहीं आरजेडी का उन्हें ऑफर भी मिल है। ऐसे में NDA के लिए यह एक चुनौती है, लेकिन इस चुनौती के बाद भी दल के सभी नेता एक साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
- नीतीश कुमार बार बार दे रहे बीजेपी को भरोसा
- वो किसी भी सूरत में एनडीए का साथ छोड़कर नहीं जाएंगे
- एनडीए के साथ ही बिहार का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे
- नीतीश ने पीएम मोदी के सामने भी यह कहकर विश्वास दिलाया
- नीतीश का भरोसा देने में साथ जुटे बीजेपी-चिराग
- बीजेपी भी उनका भरोसा बनाए रखने में जुटी
- एनडीए में शामिल सभी घटक दल मिलकर लड़ेंगे चुनाव
- अक्टूबर नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव
अक्टूबर नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी की जाने लगी है। सियासी बिसात बिछाई जा रही है। एक जाजम पर कार्यकर्ता और मंच पर नेता नजर आने लगे हैं। हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी विकास की सौगात देते हुए बिहार के मिथिलांचल में सियासी समीकरण साधते नजर आए थे तो वहीं राज्य के सीएम नीतीश कुमार बीजेपी को भरोसा दिलाते नजर आए। वे कहते फिर रहे हैं कि अब दोबारा एनडीए का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। सीएम नीतीश कुमार ने यह बातें कोई पहली बार की नहीं हैं,बल्कि जब भी पीएम मोदी आते हैं तो वे यही कहते हैं कि एनडीए का साथ छोड़कर वे कहीं नहीं जाएंगे।
इधर बीजेपी की ओर से भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार विधानसभा के चुनाव लड़ने की बात कह रही है। ऐसे में एलजेपी नेता केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान भी नीतीश को अपना नेता मान चुके हैं। एनडीए में नीतीश की जेडीयू, बीजेपी, चिराग पासवान की एलजेपी, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियां भी शामिल है। इस साल 2025 में विधानसभा का चुनाव यह सभी दल मिलकर लड़ने की तैयारी में हैं। ऐसे में एनडीए के ‘त्रिदेव’ नीतीश, चिराग और बीजेपी तीनों बार बार एक-दूसरे के साथ बने रहने का ही भरोसा दिलाते नजर आ रहे हैं। बीजेपी ही नहीं चिराग भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही इस बार का चुनाव लड़ने की बात कहते सुनाई दे रहे है, वे जेडीयू को यकीन भी दिला रहे हैं। हालांकि सवाल यह उठता है कि आखिर ये तीनों ही दल एक-दूसरे को बार बार इस तरह से आश्वस्त करने के साथ भरोसा दिलाने में क्यों जुटे हैं।
नीतीश कहते हैं अब नहीं पलटेंगे
नीतीश कुमार बिहार की सत्ता के धुरी माने जाते हैं। नीतीश कुमार पिछले दो दशक से सियासी सिरमोर बने हुए हैं। जिसके चलते कई बार वे सियासी दल बदल भी चुके हैं। कहा जाता है कि नीतीश कब किस तरफ सियासी पलटी मार लें कोई कुछ नहीं कह सकता है। नीतीश कुार पहले भी दो बार बीजेपी के साथ गठबंधन को तोड़कर बिहार में आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ हाथ मिला चुके हैं। आरजेडी की ओर से भी अक्सर नीतीश कुमार को बार बार महागठबंधन में आने का खुलेआम ऑफर दिया जाता रहा है। अब आरजेडी कहती है नीतीश के लिए दरवाजे खुले हैं। ऐसे में नीतीश की छवि पलटूराम नेता वाली बन गई है। यही वजह है कि उन्हें बार बार बीजेपी को विश्वास दिलाने की जरूरत पड़ रही है।..प्रकाश कुमार पांडेय