Bihar Assembly Election 2025: अति पिछड़ा सम्मेलन में शामिल होंगे राहुल गांधी…नीतीश के गढ़ से कांग्रेस का चुनावी आगाज
साल के अंत में बिहार में विधानसभा (Bihar Assembly Election 2025) चुनाव हैं। इन चुनावों से पहले दिल्ली से बड़े नेता लगातार बिहार दौरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले एक महीने मे तीन दौरे कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के दौरों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बिहार का दौरा कर रहे हैं। राहुल गांधी छह जून को बिहार के नालंदा जिले के राजगीर जाने वाले है। राजगीर मे राहुल गांधी अति पिछड़ा सम्मेलन में भाग लेंगे।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बिहार दौरा है खास
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) की बिहार का ये दौरा बहुत खास माना जा रहा है। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Election 2025) के पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बिहार में लगातार दौरे कर रहे हैं। इससे पहले वे पांच बार बिहार आ चुके हैं। जिसमें वो जनवरी, फरवरी, मार्च और मई लगभग हर महीने बिहार जा रहे है। इससे पहले राहुल गांधी ने दरभंगा का दौरा किया था।
विधानसभा चुनावों के पहले राहुल गांधी के दौरे से कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है।
नीतीश के गढ़ से कांग्रेस का चुनावी आगाज
छह जून को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) राजगीर में अति पिछडा सम्मेलन में भाग लेंगे। राहुल गांधी कांग्रेस के लिए चुनावी शुरूआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गढ़ से ही कर रहे हैं। केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद से यह पहला मौका है कि कांग्रेस बिहार में अति पिछड़ा सम्मेलन कर रही है।
दऱअसल बिहार में वोटों के समीकरण को देखे तो पिछड़ा और अति पिछड़ा वोटों का कांबिनेशन हार जीत के समीकरणों में बड़ी भूमिका निभाता है। बिहार में सत्ताधारी दल जेडीयू और विपक्षी दल आरजेडी पिछडों और अति पिछड़ों के साथ साथ अल्पसंख्यक वोटों को साधने में लगे होते हैं। ऐसे में सरकार के जातिगत जनगणना के ऑफिसयल ऐलान के बाद कांग्रेस का ये पहला सम्मेलन है। इस सम्मेलन के जरिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) अत्यंत पिछडे और पिछड़ों को आर्किषत करते की कोशिश भी करेंगे।
विधानसभा चुनावों में बदली होगी तस्वीर
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) में इस बार सीधा मुकाबल महागठबंधन और एनडीए (NDA )के ही बीच है। लेकिन इस बार के चुनावों में एआईएमआईएम (AIMIM) और व्यापक स्तर पर चुनावी मैदान में होगी। इसके साथ साथ प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनो ही दलों के लिए वोट कटवा साबित हो सकती है।