बिहार में 2025 में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। जिसकी तैयारी शुरु हो गई है। भाजपा नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए नेता और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही लड़ेंगे। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर उठ रहीं अटकलों को खारिज करते हुए कहा नीतीश कुमार गठबंधन के नेता बने रहेंगे। राजग ने तब भी नीतीश कुमार को सीएम का चेहरा माना था और आगे भी उन्हीं के नेतृत्व में विधानसभा के चुनाव लड़ेंगे।
- एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार ही रहेंगे
- बिहार में है विस की 243 सीट
- विधानसभा चुनाव 2025 के अंत में होने हैं
- भाजपा और जदयू के बीच तालमेल और एकजुटता
- एनडीए के लिए एकजुटता बनाए रखना महत्वपूर्ण
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए की ओर से बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। राज्य के सीएम नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़े जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने स्पष्ट किया है कि एनडीए में नेतृत्व को लेकर किसी तरह का कोई भ्रम नहीं है। विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
बता दें केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा था कि बिहार विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर फैसला एनडीए के सभी सहयोगी दल मिलकर तय करेंगे। शाह के इस बयान के बाद चर्चा गरमा गई थीं कि भाजपा आगामी चुनाव में नीतीश कुमार को सीएम पद का चेहरा नहीं बना सकती।
सम्राट ने किया अटकलों को खारिज
ऐसे में राज्य के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने स्पष्ट किया है कि एनडीए नीतीश कुमार को ही अपना नेता मानता है। यही स्थिति आगे भी बनी रहने वाली है। सम्राट चौधरी ने कहा 2020 में भी नीतीश कुमार को एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करके चुनाव लड़ा था। नीतीश कुमार आज भी हमारे नेता हैं और भविष्य में भी रहेंगे। राजग उनके और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विधानसभा के चुनाव लड़ेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि गठबंधन में कोई भ्रम या विवाद नहीं है। एनडीए मिलकर चुनावी तैयारियों में जुटा है।
राजनीतिक बोझ बन गये हैं नीतीश-पीके
उधर चुनावी रणीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है। पीके ने कहा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए अगर नीतीश कुमार को अपना चेहरा बनाती है तो एनडी के इस कदम से जन सुराज पार्टी को लाभ मिलेगा। पीके ने कहा नीतीश कुमार से बिहार की जनता बहुत नाराज है, क्योंकि बिहार के लोग नीतीश के अफसर राज से परेशान हो चुके हैं। प्रशांत ने बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा भाजपा का हाल भी वही होगा जो 2020 के चुनाव में जेडीयू का हुआ था। उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी दरअसल चाहकर भी नीतीश कुमार को अपना नेता मानने से इनकार नहीं कर सकती। प्रशांत किशोर ने दावा किया जेडीयू एनडीए के साथ लड़े या महागठबंधन के साथ, विधानसभा चुनाव 2025 में उन्हें 20 सीटें भी नहीं मिलने वाली हैं। पीके ने कहा नीतीश कुमार एक राजनैतिक बोझ बन चुके हैं। इस बोझ को कोई कंधा नहीं उठा सकता। नीतीश कुमार ने कुर्सी बचाए रखने के लिए बिहार की जनता के साथ धोखा किया है, यह बात कीबजेपी भी जानती है। उनकी नीयत में खोट है, बीजेपी फिर भी फिर भी उन्हें ढो रही है। ऐसे में जन सुराज पार्टी के लिए बिहार में इससे बेहतर स्थिति हो ही नहीं सकती कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विधानसभा का चुनाव लड़े।
JDU ने जारी किया पोस्टर बताया नीतीश होने का मतलब
वहीं बिहार भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर ही बिहार विधानसभा चुनाव 2025 लड़ने पर मुहर लगाते ही जेडीयू सक्रिय हो गई। दरअसल हरियाणा के सूरजकुंड में बीजेपी की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन पार्टी प्रदेश कोर कमेटी के सदस्यों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार का चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसके बाद जेडीयू की ओर से एक और पोस्टर जारी है। जिसमें नीतीश कुमार का मतलब क्या होता है यह बताया गया है। जेडीयू के सोशल मीडिया अकाउंड पर नीतीश कुमार की फोटो के साथ लिखा है 2025 फिर से नीतीश’। जेडीयू ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि नीतीश मतलब सबकी स्वीकार्यता, नीतीश मतलब नौकरी और रोजगार, नीतीश मतलब बिहार का विकास, नीतीश मतलब सर्वोत्तम विकल्प, नीतीश मतलब सामाजिक सुरक्षा की गारंटी,…इसीलिए तो 2025 फिर से नीतीश।
(प्रकाश कुमार पांडेय)