- बिहार की 8 सीटों पर सुबह 9 बजे तक 9.66 फीसदी मतदान, लालू के प्रयोग से उलझी जाति की राजनी
9 बजे तक हुआ 10.82फीसदी मतदान
बिहार -9.66 फीसदी मतदान
हरियाणा – 8.31 फीसदी मतदान
जम्मू-कश्मीर- 8.89 फीसदी मतदान
झारखंड – 11.74 फीसदी मतदान
दिल्ली – 8.94 फीसदी मतदान
ओडिशा -7.43 फीसदी मतदान
उत्तर प्रदेश – 12.33 फीसदी मतदान
पश्चिम बंगाल -16.54 फीसदी मतदान
बिहार में छठे चरण में लोकसभा की 8 सीटों पर मतदान जारी है। जिन सीटों पर यहां मतदान हो रहा है। वहां लाल के प्रयोग से जाति की राजनीति थोड़ा उलझी हुई नजर आ रही है। यह सभी सीट फिलहाल एनडीए के कब्जे में है।
सिवान में त्रिकोणीय लड़ाई जेडीयू को लाभ
सिवान की बात करें तो यहां लालू प्रसाद यादव ने आखिर मोहम्मद शहाबुद्दीन या उनके घर वालों से किनारा क्यों किया। इस पर जमकर पूरे चुनाव के दौरान चर्चा होती रही। मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरी है। उनकी मौजूदगी से सिवान सीट पर आरजेडी का एम वाई यानी मुस्लिम यादव समीकरण दरक गया है। इस त्रिकोणीय लड़ाई में जदयू की विजयलक्ष्मी को फायदा होता दिखाई दे रहा है।
रंगोली कांड की चर्चा ने इस चरण के चुनाव को जातीय तनातनी के भाव से भर दिया है। दरअसल बीजेपी और राजद समर्थक कार्यकर्ताओं की हुई इस भिड़ंत में दो दबंग जातियां आमने-सामने थी। आने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस लोक सभा चुनाव में कई प्रयोग किए हैं।
शिवहर लोकसभा सीट से लालू ने रितु जायसवाल को मैदान में उतारा है। जिससे एनडीए की चिंता बढ़ गई है। बीजेपी की ओर से यहां इससे सटे सीतामढ़ी के अपने वैश्य समुदाय से संबंधित मौजूदा संसद को टिकट काटकर समाज को नाराज कर दिया है। वैशाली लोकसभा सीट पर भी यही स्थिति है। लालू प्रसाद यादव ने भूमिहार जाति के मुन्ना शुक्ला को मैदान में उतर कर इस वर्ग को साधने की कोशिश की। मुन्ना शुक्ला की सीधी टक्कर एनडीए की ओर से चुनाव में उतरे लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के सांसद वीणा देवी से है। शिवहर में वैश्य और वैशाली में भूमिहार का लालू प्रसाद यादव का प्रयोग पूरी तरह सफल रहा तो यहां एनडीए को नया समीकरण तैयार करना होगा। दरअसल यह दोनों जातियां बीजेपी की कोर वोटर में शामिल है।
पूर्वी चंपारण सीट कुशवाहा मतदाताओं के हाथ में समीकरण
इसी तरह की परीक्षा कुशवाहा जाति को लेकर भी बीजेपी की होगी। क्योंकि राजद की पहल पर इंडिया गठबंधन ने पूर्वी चंपारण सीट से कुशवाहा जाति के डॉक्टर राजेश कुमार को टिकट दिया है। यहां उनका मुकाबला बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह से है। वह इस बार भी रेस में आगे नजर आ रहे हैं। बता दे लालू प्रसाद यादव का कुशवाहा प्रयोग कई क्षेत्रों में सफल माना गया है। यह जदयू के बेस्ट वोट में सेंध लगाने की एक बड़ी कवायत के रूप में देखा जा रहा है।
महाराजगंज से तय होगा कांग्रेस का महत्व
इधर महाराजगंज सीट का नतीजा बताया कि राजद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कितना तवज्जो देती है क्योंकि यहां इंडिया कांग्रेस के उम्मीदवार आकाश कुमार अपनी पहचान का संकट झेलते नजर आ रहे हैं आकाश कुमार बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश सिंह के बेटे हैं जबकि यहां भाजपा की ओर से उतरे जनार्दन सिंह हैट्रिक लगा सकते हैं। वही इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को पहचान का संकट लालू प्रसाद यादव के गृह जिले गोपालगंज में भी दिखाई दिया। यहां भी आईपी के प्रेमनाथ चंचल तमाम प्रयोग के बावजूद एनडीए के मौजूदा सांसद डॉक्टर आलोक कुमार सुमन की बराबरी करने में पीछे नजर आ रहे हैं।
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