वैसे तो भारत वर्ष में सबसे ज्यादा हिंदू धर्म को मानने वाले है भारत में जितने देवी देवता औऱ मंदिरो है उतने विश्व में कही नही। वेद पुराण उपनिषद सभी के किस्से केवल भारतीय पौराणिक कथाओ में ही मिलते है लेकिन आपको जानकर आशर्चय होगा कि विश्व का सबसे बडा हिंदू मंदिर भारत में नहीं।
दूसरी बात ये कि इस मंदिर में भगवान शिव नही बल्कि भगवान विष्णु विराजे है। ये मंदिर कबोडिया देश में है ये मंदिर है यशोधरपुर में। जी हां यशोधरापुर पुराना नाम है आज लोग इस जगह को अंकोर के नाम से जानते है और मंदिर को अंकोरवॉट के नाम से जाना जाता है।
ये मंदिर 402 एकड में फैल हुआ है। इस मंदिर को 12 सदी में खामेर वंश के सम्राट राजा सूर्यवर्मन व्दितीय ने बनवाया था। कहते है राजा सूर्यवर्मन की चाहत अमर होने की थी। इसीलिए उन्होंने इतने बडे हिंदू देवी देवताओ के मंदिर को बनाया जिससे वो देवताओ के करीब जा सके औऱ किसी तरह अमरता का मंत्र पा सकें। हांलाकि अक किवदंती ये भी कहती है कि इस मंदिर को खुद देवराज इंद्र ने अपने बेटे के महल के तौर पर बनवाया था।
दीवारों पर समुद्र मंथन और रामायण के प्रसंग
ये मंदिर बहुत ही खूबसूरत है ओंकरवॉट के इस मंदिर के गर्भगृह में विष्णु विराजमान है तो वहीं मंदिर की दीवारों और खंभो पर हिंदू देवी देवताओ के चित्र रामायण के चित्रण और हिंदू धर्म से जुडे कई सारे चित्रो को खूबसूरती से उकेरा गया है।
इसमें समुद्र मंथन से लेकर इंद्र लोक की अप्सराओ तक सभी का सुंदर चित्रण किया गया है।
ज्यादातर हिंदू मंदिर और तीर्थ के दरवाजे पूर्व दिशा में होते है लेकिन इस मंदिर का दरवाजा पश्चिम दिशा में है। इस मंदिर में सुदरता के साथ साथ सूर्योदय और सूर्यास्त देखते बनता है। उगते सूर्य को मंदिर दंडवत करता दिखता है तो वही ढलते सूरज की रोशनी मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगा देती है। मंदिर के अदभुद वास्तु और सौंदर्य और भव्यता के कारण यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया है। यहां विश्वभर से पर्यटको का जमावडा लगा रहता है।
मंदिर की आक्रमणकारियो से सुरक्षा के लिए चारो ओर से खाई बनाई गई है। 700 फीट गहरी खाई को झील का आकार दिया है और मंदिर के अंदर जाने के लिए एक लकडी का पुल बना है। इस मंदिर का दरवाजा 1000 फुट चौडा है जिसपर पूरी रामाणय तस्वीरो में अंकित है।
कंवोडिया देश के प्रतीक तौर पर ये मंदिर है यही वजह है कि इस मंदिर की तस्वीर कंबोडिया देश के नेशनल फ्लेग में भी है।