चंद मिनट की देरी से छूट गई थी “भूमि” की अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट… प्लेन क्रैश की सूचना पर कुछ इस तरह दिया रिएक्शन

Bhumi missed her Ahmedabad London flight

चंद मिनट की देरी से छूट गई थी “भूमि” की अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट… प्लेन क्रैश की सूचना पर कुछ इस तरह दिया रिएक्शन

Ahmedabad Plane Crash गुजरात के अहमदाबाद में भयावह प्लेन क्रैश में 265 लोग के मारे गए हैं। इस हादसे के समय प्लेन में 242 लोग और दो पायलट समेत 10 क्रू मेंबर सवार थे, जिनमें ये एक यात्री ही खुशकिस्मत था, जिसकी जान बची है। लेकिन अहमदाबाद की रहने वाले भूमि चौहान भी कम खुशकिस्मत नहीं हैं, उनकी जिंदगी अहमदाबाद के व्यस्त ट्रैफिक ने बचा ली।
दरअसल भूमि भी लंदन जाने वाले यात्रियों में शामिल थीं, लेकिन कुछ मिनट की देरी से पहुंचने पर उनकी फ्लाइट छूट गई थी।
गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की दुर्घटना में अब यह साफ हो चुका है कि एक यात्री को छोड़ कर क्रू मेंबर दूसरे यात्रियों में से कोई नहीं बचा। 265 लोग इस हादसे की भेंट चढ़ गए। लेकिन फ्लाइट से जाने वाले यात्रियों में यात्रियों में एक महिला सौभाग्यशाली रही कि अहमदाबाद के व्यस्त ट्रैफिक के चलते उनकी जान बच गई ट्रैफिक ने उन्हें बचा लिया।

बता दें ट्रैफिक में फंसने के कारण भूमि चौहान 10 मिनट की देरी से अहमदाबाद के सरदार बल्लभभाई एयरपोर्ट पहुंचीं थीं। लेकिन देरी से पहुंचने के कारण उन्हें अहमदाबद लंदन की फ्लाइट में बोर्डिंग की इजाजत नहीं दी गई, तब उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी से गुहार भी लगाई थी, ट्रेफिक में फंसने की वजह बताते हुए प्लेन में बैठने की इजाजत देने की अपील की थी।एयरपोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में भूमि चौहान ने बताया कि उनकी फ्लाइट के टेकऑफ के लिए 1:10 बजे का समय शेड्यूल किया गया था।

एयरपोर्ट से बाहर आई कब तक विमान क्रैश हो चुका था

भूमि चौहान ने बताया कि एयरपोर्ट से बाहर आने पर उन्हें इस बात की सूचना मिली थी कि जिस प्लेन से वे लंदन जाने वाली थीं। वह प्लेन क्रेश हो गया है। इस हादसे की सूचना के मिलने के बाद भूमि बुरी तरह से कांप गईं। उनके पैर हिलने लगे थे। काफी देर तक वह सदमें में ही रहीं। भूमि चौहान ने कहा कि महज दस मिनट देरी के कारण उनकी फ्लाइट छूट गई थी। जब वे दुखी होकर एयरपोर्ट से बाहर की ओर एग्जिट गेट तक पहुंची तभी उन्हें पता चला कि जिस फ्लाइट को उन्होंने मिस किया वह उड़ान भरने के साथ ही क्रैश हो गई है। (प्रकाश कुमार पांडेय)

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