All India Congress Committee:भारत जोड़ो यात्रा, हिमंत, सिंधिया से बादल तक बिछुड़े सभी बारी-बारी

Bharat Jodo Yatra from Himant and Scindia to Badal all separated

All India Congress Committee: राहुल गांधी कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा लेकर जम्मू कश्मीर तक पहुंच चुके हैं। 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा का समापन होना है। भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर अपनी राह अलग कर ली। हाल ही में पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का कांग्रेस से मोहभंग हुआ है। पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के काम करने के तरीके पर सवाल उठाया और अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। बता दें यह कोई पहला मामला नहीं है। जब कांग्रेस पार्टी को दिग्गज नेताओं ने झटका दिया है। इससे पहले हिमंता बिस्व सरमा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुलाम नबी आजाद जैसे कई नेताओं ने कांग्रेस से दूर होकर अपनी राह अलग कर ली।

कई दिग्गजों ने किया कांग्रेस से किनारा

हिमंत बिस्वा सरमा ने 2015 में पार्टी छोड़ी तो गुलाम नबी आजाद ने पिछले साल सितंबर में अपनी राह अलग करते हुए अपनी एक पार्टी बना ली। तो ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में चले गए। कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, सुनील जाखड़, हार्दिक पटेल, एन बीरेन सिंह, प्रेमा खांडू, पीसी चाको और जयवीर शेरगिल जैसे कई दिग्गज नेता हाल के कुछ वर्षों में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं।

आजाद ने उठाए थे काम करने तरीके पर सवाल

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की तत्कालीन अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफा दिया था। इस दौरान उन्होंने शीर्ष नेतृत्व के काम करने के तरीके पर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी घेरा था। आजाद ने कहा था कि राहुल गांधी ने राजनीति में प्रवेश करने के बाद खासकर सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस के पूरे परामर्श तंत्र को ध्वस्त कर दिया।

इस्तीफा देने से पहले बोले थे बिस्वा अहंकारी हैं राहुल

वहीं 2015 में हिमंता बिस्वा सरमा इस्तीफा दिया था तो उन्होंने भी राहुल गांधी को ही इसका जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने लिखा था राहुल गांधी अहंकारी हैं। वह स्वार्थी और असुरक्षित नेता हैं। उनका सनकी स्वभाव है। मुझे और मेरी पत्नी को उन्होंने अपमानित किया गया। कांग्रेस निरंकुश परिवार की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। इसने असम के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। बता दें कि बिस्वा ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया है। इतना ही नहीं अब वे असम के मुख्यमंत्री भी हैं। बीजेपी ने सरमा की मदद से पूर्वोत्तर के राज्यों को कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करना शुरू किया। इन इलाकों में सरमा की लोकप्रियता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अधिक है।

राहुल को भाजपा के लिए बताया था वरदान

गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद हिमंता बिस्वा सरमा ने दावा किया था कि उन्होंने पहले ही कहा था कि एक समय आएगा जब कांग्रेस में केवल गांधी ही रह जाएंगे। सभी वफादार चले जाएंगे। यही हो रहा है। कांग्रेस में समस्या यह है कि हर कोई जानता है कि राहुल गांधी अपरिपक्व, सनकी और अप्रत्याशित हैं। उन्होंने राहुल गांधी को भाजपा के लिए वरदान भी बताया।

आजाद से पहले सिब्बल हुए आजाद

आजाद से पहले कपिल सिब्बल और अश्विनी कुमार ने भी पिछले साल कांग्रेस छोड़ दी थी। सिब्बल ने अक्सर कहा कि राहुल गांधी पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को बनाने जैसे सभी फैसले लेते हैं। इसके कारण सुनील जाखड़ को इस्तीफा देना पड़ा।

46 साल रहे अ​श्विनी,फिर छोड़ा साथ

कांग्रेस में 46 साल तक रहे अश्विनी कुमार ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि कांग्रेस जमीनी हकीकत से काफी दूर रहती है। अमरिंदर सिंह को भी कांग्रेस ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से बेदखल कर दिया था। राहुल गांधी ने उनके कट्टर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू को चुनावों से ठीक पहले पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। उस चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था।

सिंधिया गये तो चली गई कमलनाथ की सरकार

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने सोनिया गांधी के नाम इस्तीफा पत्र लिखते हुए अपने 18 साल के संबंधों को खत्म कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार भी गिरा दी थी। सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए। मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी। बीजेपी में आने के बाद सिंधिया को पार्टी ने केन्द्र में मत्री पद सौंपा। साथ ही उनके समर्थकों को मप्र में महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंपी।

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