bharat jodo yatra:दिग्विजय सिंह ने क्याें कहा खुद को कमलनाथ का राइट हैंड?

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मंगलवार को उज्जैन पहुंची। शाम को राहुल गांधी बाबा महाकाल के दर्शन भी करेंगे। यात्रा का उद्देश्य भारत को जोड़ना है। लेकिन इससे पहले कांग्रेस नेताओं को जोड़े रखना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ ही BJP नेता अक्सर एमपी में भी कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर कई बार सवाल खड़े कर चुके हैं।

गुटबाजी और पार्टी में महत्व न मिलने से ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद मपी कांग्रेस में अब कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ही दो मुख्य सर्वेसर्वा नेता हैं। कई बार दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच मनमुटाव और खींचतान की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि वे पिछले 42 साल से हमेशा कमलनाथ के राइट हैंड में रहे हैं। आप लोग गलतफहमी में न रहें। वहीं यह सुनकर कमलनाथ ने कहा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस वे और दिग्विजय सिंह अलग से करेंगे।

हम साथ-साथ हैं

बता दें इससे पहले भी 6 मार्च को भोपाल स्थित राज्य संग्रहालय के सभागार में वरिष्ठ समाजवादी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता रघु ठाकुर की पुस्तक कार्यक्रम में भी में दिग्विजय सिंह ने बिना नाम लिए बीजेपी को जवाब देते हुए कहा कि कमलनाथ और उनका साथ 40-42 साल पुराना है। हमें कोई अलग नहीं कर सकता। दिग्विजय सिंह ने तब भी कहा था कि उनके और कमलनाथ के बारे में जानबूझकर भ्रामक बातें की जाती हैं। उन्होंने कहा कि उनका और कमलनाथ का पिछले 40-42 साल का साथ है और यह साथ आगे भी बना रहेगा। हम दोनों को कोई अलग नहीं कर सकता।

छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान कांग्रेस में मचा है घमासान

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य भारत को जोड़ना हैए लेकिन इससे पहले कांग्रेस और कांग्रेस के नेताओं को को जोड़े रखना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। लगातार कांग्रेस छोड़ते नेताओं को लेकर बीजेपी हमले कर रही है। बीजेपी के नेता राहुल को कांग्रेस को ही जोड़ने की सलाह देते नजर आते हैं। जैसे ही राहुल की मध्यप्रदेश में एंट्री हुई वैसे ही अशोक गहलोत के बयान से राजस्थान में सीएम की कुर्सी का विवाद खुलकर सामने आ गया। हालांकि गहलोत के बयान पर पायलट ने सीधा पलटवार नहीं कियाए लेकिन कांग्रेस डिफेंसिव मोड में आ गई।

राहुल गांधी की यात्रा में साथ पहुंचे बाबा और बघेल

राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी और घमासान के बीच मप्र पहुंची भारत जोड़ो यात्रा में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और कभी सीएम पद के दावेदार रहे मंत्री टीएस सिंहदेव एक साथ में पहुंचे। सीएम भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव ने 26 नवंबर को खरगोन जिले के उमरिया चौकी से इंदौर के बलवाड़ा तक राहुल गांधी के साथ पदयात्रा भी की। बघेल और टीएस सिंहदेव के अलावा छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सहित कई बडे़ नेता इस यात्रा में शामिल हुए। बता दें छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच खींचतान और विवाद की खबरें अक्सर आती रहती हैं। राजस्थान में उठे विवाद के बाद राहुल की यात्रा में दोनों नेताओं ने साथ आकर छत्तीसगढ़ में सबकुछ ठीक-ठाक होने का संदेश देने की कोशिश की है।

दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार,दोनों में घमासान

दक्षिण भारत से महाराष्ट्र होते हुए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने मप्र के रास्ते हिंदी भाषी राज्य में प्रवेश किया है। देश भर में सिर्फ छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ही कांग्रेस की सरकार है। लेकिन दोनों ही राज्यों में पार्टी के बड़े नेताओं के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान की खबरें सुर्खियों में रहती हैं। मप्र के साथ छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी साल 2023 में विधानसभा के चुनाव होना हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता ये संदेश देने में जुटे हैं कि पूरी कांग्रेस एकजुट है। मप्र में साल 2018 में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनने से भी बड़े नेता अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आशान्वित हैं।

यात्रा मरुभूमि में 4 दिसंबर को करेगी प्रवेश

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फिलहाल मप्र में भ्रमण कर रही है। यहां से 4 दिसंबर को आगर मालवा जिले से होते हुए राहुल गांधी राजस्थान में प्रवेश करेंगे। राजस्थान में प्रवेश से पहले राहुल चाहते हैं कि पायलट और गहलोत के बीच चल रहा सार्वजनिक विवाद थम जाए। जिससे यात्रा को राजस्थान में अच्छा रिस्पांस मिले।

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