बेंगलुरु में बीजेपी और एनडीए के खिलाफ एकजुट विपक्षी पार्टियों की दो दिन चली बैठक के अंतिम दिन यूपीए से नाम बदलकर गठबंधन को नया नाम इंडिया दिया गया।विपक्षी गुट को UPA की जगह INDIA के नाम से पुकारा जाएगा। INDIA यानी इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव एलायंस। इस बैठक में शामिल हुए राजनीतिक दल कभी एक दूसरे के खिलाफ थे लेकिन अब एक साथ आने को तैयार हैं। उनमें प्रमुख थी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, जो कभी कांग्रेस की प्रतिद्वंद्वी थी। वहीं विपक्षी दलों के इस गठबंधन में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM शामिल नहीं है। न ही औवेसी पटना या बेंगलुरु की बैठक में शामिल हुए। ऐसे में सवाल ये है कि अक्सर बीजेपी को घेरने वाले ओवैसी इस विपक्षी गठबंधन का हिस्सा क्यों नहीं हैं?
- एनडीए के खिलाफ एकजुट हुईं विपक्षी पार्टियां
- बेंगलुरु में दो दिन चली बैठक
- अंतिम दिन गठबंधन को दिया नया नाम इंडिया
- UPA की जगह INDIA के नाम से पुकारा जाएगा विपक्षी गुट
- ओवैसी नहीं है विपक्षी गठबंधन का हिस्सा
- नीतीश और लालू भी रहे साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से दूर
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव संयुक्त पीसी में शामिल नहीं हुए। जिससे अटकलों को हवा मिल गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी नेताओं का नाम लेकर उन्हें धन्यवाद दिया। खड़गे ने कहा कि नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव को जाना पड़ा क्योंकि उन्हें फ्लाइट पकड़नी थी। वहीं बैठक के बाद हुए सम्मेलन से जब बिहार के बड़े नेता गायब रहे तो आम लोगों के साथ-साथ बिहार बीजेपी के नेताओं का भी ध्यान इस ओर गया। उनकी गैरमौजूदगी ने अटकलों को जन्म दे दिया।
बैठक के बाद नहीं आई नीतीश की ओर से प्रतिक्रिया
बेंगलुरु में हुई बैठक के बाद नीतीश कुमार की ओर से कोई ट्वीट या प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, जेडीयू के आधिकारिक हैंडल से विपक्षी गठबंधन के नाम पर ट्वीट किया गया। विपक्षी एकता का नया नाम…इंडिया। इंडिया नाम की घोषणा के बाद जेडीयू ने ट्वीट किया- विपक्षी गठबंधन के नाम की घोषणा होते ही बीजेपी नेता बौखलाहट में देश के संघीय ढांचे को भूल गए।
नीतीश कुमार को झेलना पड़ा सबसे बड़ा अपमान
खबर साझा करते हुए बिहार बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया। जिसमें लिखा कि नीतीश कुमार पटना लौट आए क्योंकि वह बेंगलुरु बैठक से खुश नहीं थे और उन्होंने खुद को मीडिया से दूर कर लिया।
संयोजक नहीं बनाए जाने से नाराज हैं सुशासन बाबू!
वहीं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी ट्वीट किया। सुशील कुमार मोदी ने लिखा कि नीतीश कुमार को सबसे बड़े अपमान का सामना करना पड़ा। उन्हें बैठक जल्दी छोड़नी पड़ी क्योंकि वे इंडिया का संयोजक नहीं बनाए जाने से नाराज थे। वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं थे। नीतीश विरोधी पोस्टर बेंगलुरु में भी रखे गए थे, जबकि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार सत्ता में है। सुशील मोदी ने ट्वीट में लिखा है कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक में भी वे इसी तरह नाराज होकर दिल्ली लौट आये थे। जो लोग चुनाव से पहले न मन बना पा रहे हैं न चेहरा तय कर पा रहे हैं, वे नहीं कर पायेंगे देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई भी चुनौती देने के लिए।।
हम उनके लिए राजनीतिक अछूत हैं- AIMIM
AIMIM प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों की बेंगलुरु में बैठक हुई। हमें नहीं बुलाया गया। हम उनके लिए राजनीतिक रूप से अछूत हैं। देखने वाली बात यह है कि वहां पर महबूबा मुफ्ती, उद्धव ठाकरे, नीतीश कुमार सब बैठे हैं। कभी बीजेपी के साथ थे। अब अचानक सब सेक्युलर हो गए हैं। वारिस पठान ने कहा गुजरात चुनाव में कांग्रेस को गाली देने वाले अरविंद केजरीवाल वहीं बैठे नजर आ रहे हैं। वो कह रहे हैं कि संविधान बचाना है, बीजेपी को हराना है। हमारी भी कोशिश है कि बीजेपी हारे और मोदी न बनें 2024 में प्रधानमंत्री। हम उसमें पूरी तरह लगे हुए हैं। लेकिन उन्होंने हमें नजरअंदाज कर दिया। असदुद्दीन ओवैसी साहब पूरे देश में एक ऐसे व्यक्ति हैं जो समान नागरिक संहिता के खिलाफ लड़ रहे हैं। लेकिन वे उन्हें नजरअंदाज करते हैं। आपको मुसलमानों का वोट चाहिए लेकिन नहीं चाहिए अपना राजनीतिक प्रतिनिधित्व चाहते हैं।