शाह के दौरे से पहले मणिपुर में हिंसा,तीन दर्जन से अधिक उग्रवादी ढेर

संगठनों के लोगों से मुलाकात करेंगे शाह

तमाम प्रयासों के बाद भी मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां आए दिन हिंसा हो रही है। जिसमें पांच लोगों की जानें चली गईं। जबकि अब तक तीन दर्जन से अधिक उग्रवादियों को सेना और पुलिस ने ढेर कर दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह लगातार बैठके कर रहे है इसके बाद भी हिंसा नहीं थम रही है। आज सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मणिपुर पहुंच रहे हैं उनके दौरे से पहले यहां ​एक बार फिर हिंसा भड़की है।

संगठनों के लोगों से मुलाकात करेंगे शाह

मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमावार को मणिपुर पहुंच रहे हैं। उनके दौरे से ठीक पहले हिंसा भड़की और पांच लोगों की जान चली गई। शाह यहां विभिन्न संगठनों से चर्चा करके शांति स्थापित करने का रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं। शाह का यह दौरा मणिपुर के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रविवार को ही एक बार फिर से भड़की हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 12 अन्य लोग जख्मी हुए हैं।

4 दिनों 40 उग्रवादी ढेर

मणिपुर की राजधानी इम्फाल के आसपास बसे मैतेई समुदाय और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कूकी समुदायों के बीच यह हिंसा चल रही है। यहां सेना और पुलिस की कार्रवाई में बीते 4 दिनों में 40 उग्रवादी ढेर किए गए हैं। राज्य के सीएम बीरेन सिंह ने का कहना है कि मणिपुर में 40 सशस्त्र कूकी उग्रवादियों को मार गिराया गया है। मणिपुर में 3 मई के बाद से ही हिंसा का दौर जारी है।

फिर हो सकती है सख्ती

मणिपुर में बीती 3 मई से कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है। हालांकि बीते कुछ दिनों में यहां राहत दी गई थी,लेकिन जैसे ही हिंसा फिर भड़की तो एक बार फिर सख्ती कर दी गई। इम्फाल के वेस्ट और ईस्ट के जिलों में जिला प्रशासन ने की राहत देते हुए सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों को निकलने की अनुमति दी थी। लेकिन जैसे ही हिंसा फिर हुई तो यह राहत घटाते हुए लोगों को सुबह 11:30 बजे तक ही घर से बाहर निकलने की अनुमति दी है। इसके अलावा बिष्णुपुर में भी कर्फ्यू में ढील सुबह 5 बजे से 2 बजे की बजाय 12 बजे तक ही रहेगी।

इसलिए भड़क रही है हिंसा

बार बार हिंसा के पीछे हाई कोर्ट का एक फैसला माना जा रहा है। जिसमें कोर्ट ने सरकार को सलाह दी है कि मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजना चाहिए। इस प्रस्ताव पर कूकी समुदाय के लोग भड़क गए और इसके खिलाफ रैलियां निकालना शुरु कर दिया। इसी रैली में हिंसा होना शुरु हो गई और हालात बेकाबू हो गए। खबरों के मुताबिक मणिपुर हिंसा में अब तक करीब 80 लोगों की मौत हो गई है।

हथियारों से लैस है उपद्रवी

राज्य के एक अधिकारी का कहना है कि उग्रवादी आधुनिक हथियारों से लैस है। और वे हिंसा बढ़ाने का काम कर रहे हैं। कई स्थानीय लोगों को बहकाकर हिंसा बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कूकी उग्रवादियों ने राज्य के हालात इतने खराब कर दिए है कि उन्हे संभालना मुश्किल है। उनके हौंसले बढ़े हुए है जिसके चलते वे अधिकारियों मंत्रियों और कई विधायकों के घरों पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे हैं।

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