खुद के फेंके जाल में फंस रहा है विपक्ष ! जानिए क्या है पूरा मामला

ताबूत पर राजद में घमासान

राजनीति के चौपाल पर कई बार ऐसे मौके आ जाते हैं जब सियासी दांव चलने वाला खुद ही फंस जाता है। नए संसद भवन का लोकार्पण प्रधानमंत्री से नहीं राष्ट्रपति से कराने की मांग पर अड़ा विपक्ष अपने ही जाल में फंसता नजर आ रहा है। इसके पीछे एक नहीं कई कारण है। सबसे पहले बात करते हैं राजद की,जिसने ताबूत का फोटो शेयर करके विपक्षी राजनीति को कटघरे में खड़ा कर दिया। भाजपा ने भी इस मामले में खूब खरी खोटी सुनाई।

ताबूत पर राजद में घमासान

राष्ट्रीय जनता दल के अकाउंट पर भारत के नए संसद भवन की तस्वीर के साथ ताबूत की तस्वीर लगाने को लेकर राजद के अंदर ही अंदर घमासान शुरु हो गया है। इसका अंदाजा ऐसे ही लगाया जा सकता है कि राज्य के पूर्व वित्त मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने इस पर बात करने से भी मना कर दिया। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक उन्होंने कहा कि इस पर जगदानंद सिंह या तेजस्वी यादव ही इस पर कुछ बोल सकते हैं। जबकि जगदानंद सिंह का कहना था कि यह लगाने वालों से पूछना चाहिए कि क्या सोचकर लगाया गया है। इसके अलावा भाजपा ने भी खूब खरी खोटी सुनाते हुए ताबूत में ही जनता दफन कर देगी ऐसे बयान दिए। इधर सोशल मीडिया पर भी यह मामला खूब ट्रोल हुआ।

नीतीश ने किया उपवास

इधर राष्ट्रपति से मांग कराने को लेकर जेडीयू और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपवास रखने की घोषणा कर दी। नीतीश ने कहा कि इतिहास को खत्म करने के प्रयास हो रहे हैं आजादी के समय के संसद भवन और विकसित किया जा सकता था लेकिन नया भवना बनाना कहीं से कहीं तक ठीक नहीं है। जेडीयू के अलावा भाजपा विरोधी करीब 20 दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया। अब लोग पूछ रहे हैं कि क्या नई संसद में विरोधी दल के सांसद नहीं बैठेंगे। जब बहिष्कार किया तो उन्हे सदस्यता से भी बहिष्कार करना चाहिए।

नीति आयोग की बैठक का किया बहिष्कार

इससे पहले नीति आयोग की बैठक हुई थी जिसमें भाजपा विरोधी दल के लगभग 8 मंत्रियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। भाजपा सवाल उठा रही है कि क्या उन्हे अपने राज्य की चिंता नहीं है कि जिस महत्वपूर्ण बैठक में राज्यों की समस्याओं और उनके समाधान की चर्चा होनी थी उसी का बहिष्कार कर दिया।

 

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