BBC Documentary: बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री, जिसका नाम ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ है, को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। खासकर भारत की नामचीन यूनिवर्सिटीज में विवाद जोरों पर है। पहले तो हैदराबाद यूनिवर्सिटी में इसकी स्क्रीनिंग की गई, फिर जेएनयू और जामिया में स्क्रीनिंग को लेकर बवाल हुआ और अब दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने का एलान किया गया है। जाहिर है कि डॉक्यूमेंट्री को लेकर विद्यार्थी राजनीतिक खेमों में बंट गए हैं।
- अब दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर हलचल मच सकती है
- नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI), भीम आर्मी और कई अन्य छात्र संगठनों ने नॉर्थ कैंपस में कला संकाय के बाहर शुक्रवार शाम 4 और 5 बजे “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग का आह्वान किया है
- डीयू प्रशासन ने कहा है कि स्क्रीनिंग की इजात नहीं है और इसको रोकने के लिए एहतियाती उपाय किए हैं
- प्रशासन के मुताबिक, डॉक्यूमेंट्री को केंद्र सरकार की तरफ से बैन किया गया है
- प्रशासन ने कहा, डॉक्यूमेंट्री के लिए इजाजत नहीं ली गई है. कैंपस में इसकी इजाजत नहीं होगी. प्रशासन की तरफ से सारी तैयारियां कर ली गई हैं, ताकि उपद्रव ना हो
- डीयू प्रशासन का यह भी कहना है कि कैंपस के बाहर अगर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होती है तो वो पुलिस की जिम्मेदारी है
सरकार प्रोपैगैंडा बता चुकी है
बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले ही बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के लिंक को इंटरनेट पर ब्लॉक करने का निर्देश दे दिया है। विदेश मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री को लेकर कहा कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है और एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। हालांकि, विपक्षी दलों ने सेंसरशिप के रूप में डॉक्यूमेंट्री तक पहुंच को बलॉक करने के सरकार के कदम की आलोचना की है।
सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची और कानून मंत्री किरेन रिजिजू समेत कई नेता इस डॉक्यूमेंट्री को बोगस और बकवास करार दे चुके हैं, तो वहीं मोहुआ मोइत्रा जैसी विपक्षी नेत्रियां इसका लिंक लगातार अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर कर रही हैं।
JNU के बाद जामिया में भी बवाल हुआ था
दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया में भी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर बवाल हो चुका है। जेएनयू में जब वामपंथी संगठन स्क्रीनिंग करने जा रहे थे तब प्रशासन ने बिजली और इंटरनेट ही काट दिया, ऐसा वामपंथी संगठनों ने आरोप लगाया। इसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि दक्षिणपंथी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पथराव भी किया।
सीपीआईएम के छात्र संगठन SFI ने जामिया में भी स्क्रीनिंग का एलान किया, जिसके बाद उसके चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। उसके बाद छात्र संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शुक्रवार को क्लास नहीं लगाने का नोटिस जारी किया। वैसे, प्रशासन ने कहा कि इसका विरोध प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन शुक्रवार को चूंकि जुमे की नमाज होती है और पहले भी नमाज के बाद जामिया के स्टूडेंट्स ने कई बार इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया है, इसलिए प्रशासन एहतियात बरत रहा है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी तनाव बना हुआ है।