बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गठन के बाद भी वहां हिंदुओं पर होने वाले अत्याचारों में कमी नहीं हुई है। ऐसा लगता है जैसे बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस खुद इस तरह से हालात पैदा करना चाहते हैं। जबकि यह वहीं मोहम्मद यूनुस हैं, जिन्हें साल 2006 में शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया था। यूनुस को बांग्लादेश में बैंकर ऑफ़ पुअर्स के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन अब उनकी सरकार हिन्दुओं पर नए नए प्रतिबंध लगा रही है। अब हिंदुओं के पूजा-पाठ पर भी अंकुश लगाने को लेकर बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने नए फरमान जारी कर दिए हैं।
अजान और नमाज के वक्त पूजा करने की मनाही क्यों
- बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ सख्त आदेश जारी
- अजान के दौरान नहीं हो सकेगी पूजा और कीर्तन
- यूनुस सरकार की ओर से जारी नियम तोड़ने पर गिरफ्तारी
- बांग्लादेश में यूनुस सरकार का हिंदुओं के खिलाफ एक और फरमान
- अब अजान के समय नहीे होगी पूजा और कीर्तन
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार पाबंदियों का सिलसिता बढ़ता जा रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अब दुर्गा पूजा के पहले वहां रहने वाले हिन्दुओं के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है। जिसमें हिंदुओं के धार्मिक अनुष्ठान पूजा भजन पर नई पाबंदी लगा दी गई है। बांग्जादेश की सरकार की ओर से जारी किए गए इस नए फरमान के मुताबिक 9 अक्तूबर से 13 अक्तूबर के बीच हिंदुओं को अजान और नमाज के वक्त पूजा और कीर्तन करने की मनाही है। अजान और नमाज के समय लाउडस्पीकर पर भजन और कीर्तन बजाने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंधित लगा दिया गया है।
क्या पाकिस्तान की राह पर चल पड़ा है बांग्लादेश !
बता दें बांग्लादेश में पिछले दिनों शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल किये जाने के बाद से हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में अब तक करीब तीन सौ से अधिक हिंदू परिवार और उनके घरों पर बड़े हमले किये जा चुके हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी बढ़तर जा रही है। अब तक वहां करीब 10 से अधिक हिंदू मंदिरों में तोड़ा जा चुका है, मंदिरों को आग के हवाले किया जा चुका है। मंदिरों और हिन्दुओं के घरों में आगजनी की गई है।
यूनिवर्सिटी और कॉलेज से निकाले जा रहे हिन्दू शिक्षक
इसके साथ ही अबतक अलग-अलग यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से करीब 49 हिंदू शिक्षकों को अपना इस्तीफा देना पड़ा है, उन्हें नौकरी से बाहर निकाला जा चुका है। धीरे धीरे बांग्लादेश भी पाकिस्तान की राह पर चलता नजर आ रहा है। बांग्लादेश में भी पाकिस्तान जैसे हालात बन गये हैं। इन दोनों ही मुस्लिम बहुल देशों में हिंदुओं का कत्लआम किया जाना आम हो गया है। हिदुओं के खिलाफ कार्रवाई दोनों देशा में आम बात हो गई है। इतना ही नहीं हिंदुओं की हत्या करने वाले हत्यारे आतंकवादियों को भी जेल से रिहा किया जाने लगा है। जब मामला यहीं तक नहीं रुका तो बांग्लादेश में अब हिंदुओं को दुर्गा पूजा के दौरान अजान और नमाज के वक्त पंडालों में दौरान पूजा-पाठ करने से ही रोक दिया जा रहा है।
हिंदुओं पर लगातार बढ़ रही पाबंदी
बता दें 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच दुर्गा पूजा और दशहरा मनाया जाएगा। त्योहार के चलते अब तक बांग्लादेश में धार्मिक आयोजन भारत की ही तरह धूमधाम से किये जाते रहे हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने वाला है। क्योंकि अब बांगग्लादेश की कट्टरपंथी सरकार नए नए आदेश जारी कर रही है। जिसमें दुर्गा पूजा पर पाबंदी भी शामिल है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृह मामलों के सलाहकार और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने यह ऐलान किया है। मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश में नमाज और अजान के दौरान हिंदुओं को पूजा-पाठ करने के साथ ही लाउडस्पीकर पर भजन गायन किर्तन पर भी मनाही रहेगी। सरकार की ओर से जारी किये गये आदेश का उल्लंघन करते हुए कोई भी हिंदू पाया जाता है तो उसे बगैर किसी वारंट के बांग्लादेश की पुलिस गिरफ्तार कर लेगी।
अब नमाज के वक्त पूजा नहीं होगी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से कहा गया है कि अगले महीने 9 से 13 अक्तूबर के बीच हिन्दुओं का दुर्गा पूजा त्यौहार मनाया जाएगा।, बांग्लादेश में भी दुर्गा पूजा के लिये पंडालों की स्थापना की जाएगी। लेकिन अब पंडाल स्थापित करने वाली सभी समितियों को सरकार की ओर से जारी किये गये इस नियम का पालन करना होगा। समितियों को ध्यान रखना होगा कि नए नियम का किसी भी तरह उल्लंघन न हो। इन सभी पंडालों में अजान और नमाज से पांच मिनट पहले सभी धार्मिक अनुष्ठानों के साथ पूजा पाठ को भी बंद करना होगा, ऐसा करना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं अजान और नमाज के वक्त लाउडस्पीकर पर हिंदुओं के भजन सुनने और मंत्रोच्चार सुनने पर भी पूरी तरह से पाबंदी लागू रहेगी। यानी अब बांग्लादेश में अब हिंदुओं की पूजा-पाठ पर तानाशाही के जरिए रोक लगाई जा रही है। वहां की सरकार अंतरिम हिन्दुओं की धार्मिक पूजा पद्धति को नियंत्रित करने की कोशिश में जुटी हुई है।