जानें बांग्लादेश में कितने द्वीप है…क्यों चर्चा में है सेंट मार्टिन द्वीप..क्या है इस द्वीप की खासियत…! क्यों है इस द्वीप पर है अमेरिका की नजर!

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार केवल एक द्वीप के चलते चली गई। यह द्वीप है सेंट मार्टिन, जो बंगाल की खाड़ी के उत्तर- पूर्वी भाग में स्थित है। इस छोटे से द्वीप का कुल एरिया केवल तीन वर्ग किमी है। लेकिन यह छोटा सा द्वीप बांग्लादेश में तख्ता-पलट का बड़ा कारण बन गया है। जिसकी वजह से अब यह द्वीप सुर्खियों में है। हम आपको बताते हैं बांग्लादेश में और ऐ कितने द्वीप या आइलैंड्स मौजूद हैं।

बता दें सेंट मार्टिन द्वीप का अधिग्रहण करने के लिए अमेरिका भी बेताब है। उसकी ओर से लगातार कोशिशें की जाती रहीं हैं। शेख हसीना का तख्ता पलट भी अमेरिका के इशार पर किया गया है। दरअसल अमेरिका इस द्वीप पर अपना एक नया नौसैनिक अड्डा तैयार करना चाहता है। बांग्लादेश की तत्कालीन पीएम शेख हसीना ने इस मसले को कई अंतर्राष्टीय मंचों से उठाया।

बांग्लादेश में दरअसल बड़ी संख्या में द्वीप मौजूद हैं। जिनकी अनुमानित संख्या को लेकर बात की जाए तो यह संख्या 700 से 1000 के आसपास होगी। इन द्वीपों में बसाहटवाले और निर्जन दोनों तरह के शामिल हैं। वे द्वीप भी शामिल हैं जो कभी समय के साथ गायब हो गए। बांग्लादेश के इन द्वीपों में भोला सबसे बड़ा और सेंट मार्टिन एकमात्र मूंगा कोरल द्वीप है। कई द्वीप नदियों की तलछट जमा हो जाने से बने हैं। स्थानीय भाषा में इन्हें ‘चार’ कहा जाता है। बांग्लादेश के अधिकांश द्वीप बंगाल की खाड़ी के साथ पद्मा नदी के मुहाने पर बने हुए हैं।

भोला सबसे बड़ा द्वीप है

बांग्लादेश में स्थित भोला सबसे बड़ा द्वीप है। इसे दखिन शाहबाजपुर के नाम से भी जाना जाता है। भोला द्वीप का आकार करीब 3 हजार 402 वर्ग किलोमीटर है जो मेघना नदी के मुहाने पर बना है। भोला द्वीप जाने के लिए ढाका के साथ बारिसल से नौका के जरिए पहुंचा जा सकता है। 130 किमी लंबे द्वीप की आबादी करीब 17 लाख के आसपास है। जिसमें करीब 96.7 प्रतिशत मुसलमान आबादी है तो केवल 3.7 फीसदी ही हिंदू हैं।

सबसे छोटे द्वीप के रुप में हैं सेंट मार्टिन द्वीप की पहचान

बांग्लादेश का सेंट मार्टिन बंगाल की खाड़ी में उत्तर- पूर्वी भाग में स्थित है। यह सबसे छोटा द्वीप है। इसका कुल एरिया तीन वर्ग किमी के आसपास है। यह कॉक्स बाजार से करीब 9 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। इसे नारिकेल जिंजिरा या नारियल द्वीप, दारुचिनी द्वीप या दालचीनी द्वीप के नाम से भी पहचाना जाता है। सेंट मार्टिन बांग्लादेश का एकमात्र मूंगा द्वीप है। जिसकी अपनी प्राकृतिक सुंदरता तो है ही। नीले पानी और विविध समुद्री जीवन कोरल्स के लिए भी यह प्रसिद्ध है। सेंट मार्टिन द्वीप विशेष रूप से सर्दियों में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रुप में बदल जाता है। यहा रहने वाले लोग मछली पकड़ने, चावल और नारियल की खेती के साथ पर्यटन पर निर्भर रहते हैं। इस द्वीप की जनसंख्या करीब 5 हजार है। जिस पर अधिकार को लेकर बांग्लादेश का म्यांमार के बीच विवाद चल रहा था। सेंट मार्टिन में समुद्री सीमा को लेकर इन दोनों देशों के बीच अक्सर टकराव होता रहता था लेकिन साल 2012 में अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून न्यायाधिकरण की ओर से दिये गये एक फैसले में इस द्वीप पर बांग्लादेश का अधिकार बताया है, इसके बाद से यहां विवाद कम हो गए हैं।

इसके अतिरिक्त एक और प्रमुख द्वीप निझुम है। निझुम द्वीप को उसकी जैव विविधता और प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है। बंगाल की खाड़ी में यह द्वीप स्थित है तो अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी पहचाना जाता है। वहीं चटगांव के पास स्थित सैंडविप द्वीप है। यह ​द्वीप भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए ही जाना जाता है। यहां मछली पकड़ने के साथ कृषि पर लोग निर्भर रहते हैं। पर्यटन, मछली पकड़ने और कृषि के जरिये यह द्वीप बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देता है।

बड़ी संख्या में मौजूद हैं ‘चार’

बांग्लादेश के चार द्वीप की संख्या कितनी है, यह सहीं ढंग से अब तक नहीं बताया जा सकता है। ‘चार’ शब्द का प्रयोग यहां उन तलछट द्वीपों के लिए किया जाता है, जो हिमालयीन नदियों के किनारे विकसित होते हैं। बाढ़, कटाव और भूमि के नुकसान के प्रति अत्यधिक संवेदनशील ‘चार’ को माना जाता है। ‘चार’ का आकार लगातार बनते बिगड़ते रहता है। जिससे खेती के लिए नए क्षेत्र भी बनते रहते हैं। इन पर रहना बहुत ही असुरक्षित और जोखिम भरा होता है। इसके बाद भी यहां करीब 50 लाख से अधिक लोग ‘चार’ में निवास करते हैं।

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