दिल्ली में पटाखोंं पर बैन: …अब चुदूर-पुटुर के भरोसे मनेगी दीपावली, नहीं होंगे दिल्ली में धमाके

दिल्ली में पटाखोंं पर बैन: …अब चुदूर-पुटुर के भरोसे मनेगी दीपावली, नहीं होंगे दिल्ली में धमाके

फेस्टिव सीजन चल रहा है। दिवाली में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इस दिन पटाखे जलाने का ट्रेंड रहता है, लेकिन दिल्ली सरकार ने हर साल की तरह इस बार भी पटाखों को बनाने बेचने और स्टोर करने पर 1 जनवरी 2025 तक बैन लगा दिया है। इसका मतलब है कि दिल्ली वालों को इस बार भी दिवाली बिना बड़े पटाखों के मनानी पड़ेगी।

पिछले वर्षों की तुलना में 20-25 दिन देर से लगाया बैन
पटाखा कारोबारियों का 40 प्रतिशत तक माल बिका
बहुत से लोगों ने पटाखे पहले ही खरीद लिए हैं
चुदूर-पुटुर कहे जाने वाले पटाखों की फिर बिक्री बढ़ने की उम्मीद
पॉप-पॉप और तमाम टॉय गन शामिल
दिवाली पर दो घंटे पटाखे जलाने की छूट मिलने की मांग
एलजी वीके सक्सेना और सीएम आतिशी को लिखा लेटर
पॉप-पॉप के साथ टॉय गन की बढ़ेगी मांग
व्यापारी रोल क्रैकर
रिंग कैप गन, माचिस गन
फायरो गन की बिक्री भी होगी तेज

हालांकि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार बैन 20-25 दिन देर से लगाया है। जिससे बहुत से लोगों ने पटाखे पहले ही खरीद लिए हैं। पटाखा कारोबारियों का भी कहना है कि इस बार थोड़ी राहत रही कि बैन थोड़ी देर से लगाया। अब पटाखा बैन के साथ ही बच्चों के लिए चुदूर-पुटुर कहे जाने वाले पटाखों की बिक्री फिर बढ़ने की उम्मीद है। इनमें पॉप-पॉप और तमाम टॉय गन शामिल होती हैं।

दिवाली पर दो घंटे पटाखे जलाने की छूट मिलने की मांग की जा रही है। दिल्ली फायरवर्क्स ट्रेडर्स असोसिएशन के सदस्य राजीव कुमार जैन कहते हैं हर साल पटाखे बनाने, बेचने, स्टोर करने और जलाने पर सितंबर माह में ही बैन लगाया जाता था। यह बैन 1 जनवरी (नए साल) तक रहता था। इस बार बैन दशहरे के बाद लगाया गया है। इससे पटाखा कारोबारियों को बहुत राहत मिली है। ये 20-25 दिन बाद जो नोटिफिकेशन आया है। इससे पहले नवरात्र, दुर्गा पूजा, दशहरा आदि पर्व निकल गए। पटाखा कारोबारियों का 40 प्रतिशत तक माल भी बिक चुका है। ऐसे में हम भी चाहते हैं कि पर्यावरण पर ध्यान दिया जाना चाहिए, लेकिन यह भी मानना चाहिए कि प्रदूषण में सारा योगदान पटाखों का नहीं होता। पटाख तो प्रदूषण का बहुत छोटा कारण है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी प्रदूषण के 21 कारण बताए हैं। ऐसे में सिर्फ पटाखों को बैन नहीं करना चाहिए। लेकिन हर साल 3-4 महीने के लिए बैन कर दिया जाता है। जिससे दिवाली, छठ पूजा, गुरु पर्व, शादियां, क्रिसमस और न्यू इंईयर के लिए पटाखे नहीं बिक पाते। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री आतिशी को लेटर लिखकर 3 दिन, धनतेरस, छोटी दिवाली और दिवाली पर पटाखे बेचने की और दिवाली वाले दिन रात में 8 बजे से लेकर 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति मांगी है। उम्मीद करते हैं कि दिल्ली सरकार जनभावना का ध्यान रखते हुए दीपावली पर दो घंटे के लिए पटाखे जलाने की अनुमति देगी।

बंदूकों और पॉप-पॉप की बिक्री बढ़ेगी
दिल्ली सदर बाजार के आतिशबाजी कारोबारी का कहना है जब लोगों को पटाखे मिलते ही नहीं। तो वह विकल्पों की और देखने लगते हैं। अब कई ऐसी बंदूकें आ गई हैं। जिन्हें चलाने पर तेज पटाखे की तरह ही आवाज होती है। ऐसे में आने वाले दिनों में इन बंदुकों की मांग बढ़ने की पूरी उम्मीद है। हालांकि कुछ गन भी इस तरह की होती है कि उनमें बारूद तो लगता ही है। सरकार को आतिशबाजी पर स्पष्ट निर्देश जारी करना चाहिए। क्या बिक सकते हैं और क्या नहीं बिक सकते। क्योंकि पुलिसकर्मी बाजार में अपनी मनमानी चलाते हैं। कई बार तो माचिस वाली बंदूकें भी नहीं बेचने देते। ऐसे में बहुत सी परेशानियों का समना करना होता है। माचिस तो जगह-जगह बिकती है। हर घर में मिलती है। ऐसे में जब इस पर बैन नहीं हो तो बेचने से क्यों रोका जाता है। अब रिंग कैप गन्, रोल क्रैकर गन, माचिस गन के साथ फायरो गन की मांग बाजार में बढ़नी शुरू होगी। यह बंदूकें दिल्ली में अलीगढ़ के साथ मुंबई से आती हैं।

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