बसपा एक ओर सियासत के मैदान जहां अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रही है वहीं पार्टी के अंदर भी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।बसपा अंतरकलह से जूझ रही है। जिसमें ये अंतरकलह रविवार को उस समय खुलकर सामने आ गई। जब बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी में कई बड़े राजनीतिक बदलाव करने का ऐलान कर दिया।
- बसपा में खुलकर सामने आई अंतरकलह
- शादी की पार्टी से शुरु हुई थी सियासत
- अशोक सिद्धार्थ के बाद नप गए आकाश आनंद
- मायावती ने आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया
अशोक सिद्धार्थ ने अपनी बेटी की शादी मायावती के भतीजे से की है। वे मायावती के समधी बने थे। बसपा में इस सियासी तूफान के पीछे की कहानी भी इसी शादी से शुरू हुई थी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ही अपने भतीजे आकाश आनंद की शादी कभी अपने खास रहे अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से कराई थी। अशोक सिद्धार्थ उन दिनों मायावती के काफी करीबी माने जाते थे। बेटी प्रज्ञा की शादी के बाद अशोक सिद्धार्थ से राजनीतिक साथी से मायावती के समधी बन गए। ऐसे में उनका सियासी कद भी बढ़ता गया। मायावती ने सिद्धार्थ को दक्षिण भारत के राज्यों का प्रभारी बनाकर जिम्मेदारी सौंपी। इतना ही नहीं एमएलसी से लेकर राज्यसभा तक उन्हें भेजा था।
- अशोक सिद्धार्थ की वजह से आकाश आनंद को हटाया
- सिद्धार्थ के बेटे की शादी से नाराज थी मायावती
आकाश आनंद से बेटी की शादी करने के बाद जहां अशोक सिद्धार्थ मायावती के करीब आए तो वही उनके बेटे की शादी मायावती से उनकी दूरी का सबब बन गई। दरअसल आकाश आनंद के ससुर पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ ने बेटे की शादी के बाद आगरा में एक ग्रेंड पार्टी दी थी। वह पार्टी ही मायावती और अशोक सिद्धार्थ के बीच दरार और मायावती की नाराजगी का सबबे बनी। क्योंकि अशोक सिद्धार्थ ने बेटे की शादी की ग्रेंड पार्टी में बीएसपी के गिने चुने नेताओं को न्योता दिया था। शादी की इस पार्टी में उन राज्यों के कुछ खास नेता भी शामिल हुए थे, जिन राज्यों के अशोक सिद्धार्थ प्रभारी बनाए गए थे। लेकिन मायावती शादी की इस पार्टी में शामिल नहीं हुईं। उस समय ही तब साफ हो गया था कि अशोक सिद्धार्थ से मायावती नाराज चल रहीं हैं।
शादी के जमघट में गुटबाजी का आरोप
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सिद्धार्थ के बेटे की शादी की इस पार्टी के बाद बसपा के दक्षिण भारत में आने वाले पार्टी के नेताओं से मुलाकात की और इसके दूसरे दिन ही मायावती ने अशोक सिद्धार्थ को बसपा से निकाल बाहर किया। इतना ही नहीं पूर्व सांसद नितिन सिंह को भी पार्टी से निकाल दिया था। अशोक सिद्धार्थ पर मायावती ने पार्टी में गुटबाजी करने का आरोप लगाया गया था।…प्रकाश कुमार पांडेय