अक्सर विवादों और चर्चा में रहने वाले बागेश्वर वाले बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री एक बार फिर विवादों में हैं। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने नोएडा में प्रवचन के दौरान उन्होंने विवाहित और अविवाहित महिलाओं को लेकर जो बात कही उसके बाद से वे महिलाओं के निशाने पर आ गए हैं। इससे पहले बाबा बागेश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं।
- पहले कही थी देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात
- अब कही महिलाओं को लेकर ये बड़ी बात
- विवाहित और अविवाहित महिलाओं में इस तरह बताया अंतर
- मांग में सिंदूर गले में मंगलसूत्र न हो तो समझो प्लॉट खाली
- सिंदूर और मंगलसूत्र तो समझों हो गई रजिस्ट्री
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में कथा के दौरान इस बार महिलाओं को लेकर कहीं गई उनकी बात समझ से परे है। उन्होंने कहा कि जिस स्त्री की शादी हो गई है। उसकी दो पहचान होती है। पहला- मांग का सिंदूर और दूसरी पहचान गले का मंगलसूत्र। वहीं अविवाहित स्त्री की पहचान बताते हुए वे यह कह गए कि जिस स्त्री की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र न हो तो समझ लिजिए प्लॉट खाली है। जिस स्त्री की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र है, तो सभी लोग दूर से देखकर ही समझ जाते हैं कि प्लॉट की रजिस्ट्री हो गई है। बता दें धीरेंद्र शास्त्री के सोशल मीडिया पर करीब 50 लाख और यूट्यूब पर भी करीब 50 लाख से अधिक और ट्विटर पर उनके 1 लाख 60 हजार फॉलोअर्स हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा की जिस कथा के दौरान बाबा बागेश्वर ने यह बात कही थी उस आयोजन में भी करीब 5 लाख लोग शामिल हुए थे। जिनमें कई महिलाएं भी थीं।
सोशल मीडिया पर बोले लोग- महिलाओं का अपमान
बता दें भारत की सनातन परंपरा की बात करें तो वैदिक काल में गार्गी, घोषा, मैत्रेयी, अपाला और अरुंधति जैसी विदुषी महिलाएं हुईं हैं। इनकी विद्वता का लोहा वैदिक काल में भी माना गया था। आज भी भारत की महिलाएं देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी प्रतिभा और विद्वता का लोहा मनवा रही हैं। ऐसे में भारत जहां स्त्रियों को पूज्जनीय माना जाता है वहां मात्र पति की संपत्ति करार देना महिला शक्ति का अपमान ही कहा जाएगा। वीडियो में आपको साफ सुनाई दे रहा होगा कि बाबा किस प्रकार से महिलाओं को जमीन जायदाद प्लॉट बताकर अपमानित कर रहे हैं। हास्यास्पद स्थिति तो ये है कि इस कथा में मौजूद महिलाएं बाबा की बात पर तालियां बजाती नजर आ रही हैं।
जमीन जायदाद से की महिलाओं की तुलना करना गलत
बाबा ने एक तरह से महिलाओं की तुलना जमीन जायदाद की है। जिस पर उनके पति का स्वामित्व होता है। यह एक तरह की रूढ़िवादी सोच है। बाबा ये किस तरह के शब्द अपने मुंह से निकाल रहे हैं। देश में जहां बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और महिला सशक्तिकरण की बात कही जा रही है वहां इस तरह की बातें करना स्वयं की हंसी उड़ाने जैसा ही है। हैरानी की बात तो यह है कि अब तक यूपी ही नहीं किसी भी राज्य के महिला आयोग या महिलाओं की बात करने का दावा करने वाले कथित संगठनों ने बाबा के इस बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।