आयुष्मान भारत योजना सरकार ने किये बड़े बदलाव किए हैं। अब इसमें योजना में वह बीमारी भी कवर होंगी जिसके इलाज के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों में 15 से 20 हजार रुपए तक खर्च करनी पड़ रहे थे। केन्द्र सरकार के इस बड़े बदलाव से देश की बड़ी आबादी को राहत मिलेगी। वहीं ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम 2.0 टीएमएस के जरिए केन्द्र सरकार ने इसमें होने वाले फर्जीवाड़े पर भी रोक लगाने पर जोर दिया है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति परिवार सालाना पांच लाख रुपए तक का नि:शुल्क दपचार किया जाता है। अब तक इस योजना के तहत करीब 7500 तरह की विभिन्न बीमारियां कवर थीं। 21 दिसंबर 2024 से टीएमएस 2.0 के लाइव होते ही इसमें अब करीब 9000 बीमारियां कवर हो रहीं हैं। निजी अस्पताल में होने वाली सामान्य डिलिवरी से लेकर फ्रैक्चर प्लास्टर और तेज बुखार ही नहीं कुछ डेंटल संबंधी बीमारी भी अब इस योजना में कवर की जा रही हैं।
ऐप पर जल्द पता लगेगा बैलेंस
आयुष्मान भारत योजना मध्यप्रदेश के सीईओ डॉ.योगेश भरसट की माने तो मध्य प्रदेश में जल्द आयुष्मान कार्ड धारक अपने मोबाइल के माध्यम से ऐप के जरिए यह देख सकेंगे कि उनके वॉलेट में इस योजना की अब कितनी राशि शेष बची है। अब इसके लिए अस्पताल जाना पड़ता है। इसके लिए मध्य प्रदेश में एक ऐप विकसित करने की दिशा में भी काम चल रहा है। यह नवाचार करने वाला मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा। इस ऐप में योजना के कार्ड धारक को आयुष्मान बैलेंस ही नहीं उसके खर्च का भी पूरा ब्यौरा मिलेगा। इसके लिए सभी अस्पतालों से मरीज के उपचार में होने वाले खर्च की ऑनलाइन एंट्री कराई जाएगी।
इमरजेंसी में इन नंबर पर मांगी जा सकती है मदद
आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क इलाज पर अस्पताल में पैसों की मांग या असु़विधा होती है तो एनएचए हेल्पलाइन क्रमांक 14555 या एसएचए मध्यप्रदेश हेल्पलाइन क्रमांक 18002332085 पर मदद ली जा सकती है। किसी दवा या सेवा के लिए अस्पताल की ओर से अतिरिक्त राशि मांगने पर भी तुरंत शिकायत इसमें की जा सकती है।
डॉक्टर को सर्जरी का वीडियो भेजना होगा
आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए टीएमएस 2.0 में प्रभावी कदम उठाए हैं। अब सर्जरी का वीडियो और ओटी से लाइव लोकेशन डॉक्टर को देना होगी। मरीज के साथ सेल्फी भी सॉफ्टवेयर पर डॉक्टर को अपलोड करनी होगी। गैर सरकारी अस्पताल ये दस्तावेज अपलोड नहीं करते हैं तो सर्जरी की फाइल रद्द हो जाएगी।