रामलला अपने जन्मस्थान पर जल्द विराजित होने वाले है. आपको बता दें कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा दिसंबर या जनवरी के महीने में की जाने वाली है. राम जन्मभूमि ट्र्स्ट इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाने वाला है. हालांकि कार्यक्रम की अभी तारीख तय नहीं हो पाई है. ट्रस्ट का कहना है कि इसे लेकर विद्वानों और पंडितों से बातचीत की जा रही है और सही समय निकाला जा रहा है. यह सारी जानकारी ट्रस्ट की बैठक के बाद सामने निकल कर आई हैं.
15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा काम
राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट की बैठक के बाद यह सारी जानकारी सामने आई है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को बताया है कि “मंदिर के ग्राउंड फ्लोर और गर्भगृह का काम 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा , इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी होगी. ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि आयोजन के लिए आमंत्रण पत्र तैयार करेंगे जिस पर महंत नृत्यगोपाल दास हस्ताक्षर होंगे। यह आमंत्रण पत्र प्रधानमंत्री जी को भेजा जाएगा.” आपको बता दें कि ट्र्स्ट प्रधानमंत्री को दिसंबर और जनवरी के बीच कार्यक्रम की संभावित डेट के बारे में पहले ही बता देगा .
पूरे देश में बनाया जाएगा 7 दिवसीय उत्सव
ट्रस्ट के महासचिव का कहना है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव पूरे देश में 7 दिनों तक बनाया जाएगा. देश के साधु संतों धर्माचार्यों से आग्रह किया जाएगा कि वे अपनी-अपनी जगहों पर प्राण प्रतिष्ठा का भव्य उत्सव बनाएं. इसके साथ ही ट्रस्ट और भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेगा.
श्रीराम की मूर्तियां बनाने का काम शुरू
अयोध्या में रामलला की मूर्तियां बनाने का काम भी शुरू हो गया है. मंदिर के लिए सिर पर मुकुट, हाथ में धनुष-बाण लिए रामलला की 3 मूर्तियां बनाई जा रही हैं. मूर्तियों के लिए कर्नाटक की 2 श्याम शिला और राजस्थान के श्वेत संगमरमर का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन तीन मूर्तियों में से किसी एक मूर्ति को चुना जाएगा और उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. हालांकि मूर्तियां बनने में अभी करीब 4 महीने का वक्त लगने वाला है.