अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 500 साल से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है। प्रभु श्री राम अपने भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। इस खुशी में देश भर में दीपावली मनाई गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होने के बाद दिल्ली लौटकर अपने आवास पर राम ज्योति जलाते हुए तस्वीरें साझा कीं। इस दौरान रामलला के चित्र के आगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं दीपक जलाते हुए नजर आए। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान पूरा होने के बाद अयोध्या ही नहीं देश भर में दीपोत्सव मनाया। इसके बाद अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्री राम का चित्रण करने वाला लेजर और लाइट शो का रंगारंग आयोजन किया गया।
- अपनी भव्य भवन में विराजे श्री राम
- राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान
- पीएम नरेन्द्र मोदी ने की रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
- अनुष्ठान पर बड़ा तोहफा दिया
- प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का ऐलान
इससे पहले राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में दुनियाभर से बड़ी संख्या में लोग शामिल होने पहुंचे। इस दौरान देश भर में जय श्री राम के नारे की गूंज सुनाई दी। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी सुनहरे कपड़े पहनकर रामलला के मंदिर पहुंचे थे। वहीं अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने आमजन को रामलला के अनुष्ठान पर बड़ा तोहफा दिया है। पीएम ने एक ट्विट कर नई योजना का ऐलान किया, जिसका नाम प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना है। इसके तहत करीब एक करोड़ घरों पर सूर्योदय योजना के तहत सोलर रूफ टॉफ सिस्टम लगाया जाएगा। इसे लेकर पीएम मोदी ने बताया इस योजना का फायदा सबसे ज्यादा गरीब ही नहीं मध्यम वर्ग के लोगों को भी मिलेगा। योजना से लाखों गरीबों को राहत मिलेगी वे अपने बिजली बिल कम कर सकेंगे।
राम मंदिर निर्माण के बाद समृद्धि की कहानी
पीढ़ियों से अयोध्या धार्मिक महत्व से जुड़ी रही है। भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में सेवा करती रही है और दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए आध्यात्मिक केंद्र के रूप में काम करती रही है। हालाँकि हाल के वर्षों में एक उल्लेखनीय परिवर्तन देखा गया है। शहर की नियति प्रगति और विकास के ताने बाने में जटिल रूप से बुनी गई है। विकासात्मक पहलों की सावधानीपूर्वक योजना और कार्यान्वयन ने शहर के पुनरुत्थान का मार्ग प्रशस्त किया है। इसे संस्कृति और समृद्धि के प्रतीक में बदल दिया है। अयोध्या के एक दुकान के मालिक राजेश कुमार गुप्ता ने राम मंदिर निर्माण के बाद समृद्धि की अपनी कहानी साझा की। राजेश गुप्ता की माने तो मंदिर निर्माण से पहले उनके सामान की मांग न के बराबर थी और आय भी बहुत कम थी। हालाँकि हाल के दिनों में अयोध्या तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का केंद्र बन गया। जिससे उनके सामान की मांग बढ़ गई और बाद में उनकी आय में वृद्धि देखी गई। श्री गुप्ता कहते हैं कि वह प्रतिदिन केवल 300.400 रुपये कमाते थे। लेकिन भव्य राम मंदिर की घोषणा के बाद उनकी आय प्रतिदिन 1000.1500 रुपये हो गई। अयोध्या का परिवर्तन मंदिर परियोजना से भी आगे तक फैला हुआ है। जैसा कि अयोध्या निवासी श्री श्याम लाल दास ने बताया अयोध्या स्वच्छता का प्रतीक बन गया है। पहले के समय की तुलना में अब आप स्वयं चमचमाती साफ सुथरी सड़कें और साफ सुथरे कूड़ेदान देख सकते हैं। इसके लिए सतर्क अयोध्या नगर निगम कर्मचारियों को धन्यवादश्श्री दास ने कहा। वह गर्व से पास के सुलभ शौचालय परिसर का भी प्रदर्शन करते हैं जो बेहतर स्वच्छता के प्रति अयोध्या की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आरके पलटू दास अखाड़े के एक संत, नाथ योगी, पवित्र सरयू नदी पर घाटों के परिवर्तन का वर्णन करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले अच्छे घाट नहीं होते थे। लोगों को नदी तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन अब हालात बेहतर हो गए हैं और नदी के आसपास एक मजबूत बुनियादी ढांचा बनाया जा रहा है। आरके नाथ योगी ने भावुक होकर कहा यह स्थान अब स्वर्ग है। जैसा कि शहर ऐतिहासिक उद्घाटन का गवाह बनने के लिए तैयार हो रहा है। ये साक्ष्य उस समुदाय की भावनाओं को प्रतिबिंबित करते हैं जिसने खुले हाथों से परिवर्तन को अपनाया है। राम मंदिर केवल एक स्मारक या पूजा स्थल के रूप में नहीं। बल्कि अयोध्या और उसके लोगों की एकीकृत परिवर्तनकारी यात्रा के प्रतीक के रूप में खड़ा है।