अयोध्या में इस बार रामनवमी खास होने वाली है। राम नवमी दिन इस भगवान श्री राम का सूर्यतिलक होगा। रामलला का सूर्यतिलक दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर होगा। इस खास अवसर पर रामनगरी अयोध्या को खास तरीके से सजाया गया है। लगभग 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के इस दिन अयोध्या आने की उम्मीद जिला प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट को है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई इंतजाम किये जा रहे हैं। रामनवमी पर रात 11 बजे तक लोग अपले प्रभु श्री राम के दर्शन कर सकेंगे।
बताया जाता है कि रामनवमी के दौरान मंगला आरती के बाद ब्रह्म मुहूर्त में सुबह करीब 3 बजे से अभिषेक और श्रृंगार के साथ दर्शन भी होगा। सुबह पांच बजे रामलला की श्रृंगार आरती होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भोग लगाने के लिए मंदिर का पट थोड़े समय के लिए बंद किया जायेगा। लेकिन रात में 11 बजे तक रामलला के दर्शन का क्रम चलता रहेगा। इस दौरान ही भोग और शयन आरती भी होगी। वहीं भक्तों को मंदिर के निकास मार्ग पर शयन आरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा।
वीआईपी भी होंगे ‘आम’
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया इस बार राम नवमी पर कोई वीआईपी दर्शन नहीं होंगे। वीआईपी पास के साथ सुगम दर्शन पास और मंगला आरती पास ही नहीं श्रृंगार आरती पास और शयन आरती के पास भी बंद कर दिये गये हैं। यानी 16 अप्रैल से 19 अप्रैल तक जो लोग भी दर्शन करेंगे वो आम होंगे उनमें कोई खास नहीं होगा, क्योंकि वीआईपी के पास नहीं बनेंगे। वहीं बिड़ला धर्मशाला के सामने और सुग्रीव किला के नीचे ही नहीं श्री रामजन्मभूमि प्रवेश द्वार पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से आधुनिक यात्री सेवा केंद्र स्थापित किये गए हैं। यात्री सेवा केंद्रों पर भक्तों को सभी आवश्यक जन-सुविधाएं मिलेंगी।
एलईडी स्क्रीन पर दिखाई देंगे प्रभु
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से रामनवमी के लिए खास इंतजाम किये गये हैं। मंदिर में होने वाले कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण भी अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में करीब 80 से 100 जगह किया जायेगा। यहां पर एलईडी स्क्रीन लगाकर विशेष प्रसारण किया जाएगा। काम प्रसार भारती ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से किया है। राम मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की माने तो बताया कि रामनवमी पर भगवान श्री राम के ललाट पर करीब 12:16 मिनट तक पांच मिनट सूर्य किरण पड़ेगी। वैज्ञानिक इस अलौकिक पलों को भव्यता के साथ प्रदर्शित करने के लिए तैयारी में जुटे हैं। नृपेंद्र मिश्र ने बताया मंदिर निर्माण का शेष काम इसी साल दिसंबर 2024 तक पूरा करने की लक्ष्य रखा गया है।